केंद्र सरकार ने छोटे वीडियो बनाने के लिए मशहूर एप टिकटॉक (TikTok) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हेलो (Helo) को नोटिस जारी किया है. सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इन एप्स से 21 सवाल पूछे हैं और कहा है कि अगर इनका उचित जवाब नहीं मिला, तो इन्हें बैन किया जा सकता है. दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सहयोगी संगठन स्वदेशी जागरण मंच (SJM) की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को शिकायत किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है. स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम मोदी से कहा था यह दोनों प्लेटफॉर्म कथित रूप से देश विरोधी गतिविधियों (Anti-National Activities) के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.
मंत्रालय की ओर से टिकटॉक और हेलो को इस संबंध में जवाब देने को भी कहा गया है. सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने दोनों प्लेटफॉर्म्स से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भारतीय यूजर्स का डाटा वर्तमान में कहीं भी स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है और भविष्य में भी किसी अन्य विदेशी सरकार या किसी तीसरे पक्ष या प्राइवेट संस्था को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा. मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में फेक न्यूज को रोकने के लिए उठाए गए कदमों और इससे संबंधित भारतीय कानूनों को अनुपालन के संबंध में भी जानकारी मांगी है. यह भी पढ़ें- RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच की पीएम मोदी से मांग, ‘राष्ट्रविरोधी’ TikTok पर बैन लगाया जाए
मंत्रालय ने कहा है कि भारत में 18 साल से कम के व्यक्ति को चाइल्ड माना जाता है, इसके बावजूद दोनों प्लेटफॉर्म्स ने एंट्री के लिए 13 साल की आयुसीमा क्यों तय की हैं? बहरहाल, टिकटॉक और हेलो ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि भारत में हमारी निरंतर सफलता हमारे लोकल कम्युनिटी के समर्थन के बिना संभव नहीं होगी. हम इस समुदाय के लिए अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हैं और इस अवसर का स्वागत करते हैं कि हम अपने दायित्वों को पूरा करने और उससे अधिक करने के लिए सरकार के साथ पूर्ण सहयोग करें. यह भी पढ़ें- महिला ने 3 साल पहले लापता हुए पति को TikTok पर खोज निकाला, किन्नरों के साथ बनाता था वीडियो
गौरतलब है कि स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने पीएम मोदी को लिखे एक पत्र में दोनों एप को लेकर संगठन की चिंताएं रेखांकित की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों एप भारत के युवाओं के ‘‘निहित हितों’’ से प्रभावित होने का माध्यम बन रहे हैं. महाजन ने कहा था, ‘‘हाल के सप्ताहों में ‘टिकटॉक’ राष्ट्रविरोधी सामग्री का अड्डा बन गया है जिसे एप पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है जो हमारे समाज के तानेबाने को नुकसान पहुंचा सकता है.’’
पीटीआई इनपुट