VIDEO: पहली बार मंगल ग्रह पर मिले शुद्ध सल्फर के क्रिस्टल! NASA के क्यूरियोसिटी रोवर ने भेजी अद्भुत तस्वीर
(Photo : NASA)

Pure Sulfur Crystals on Mars: मंगल ग्रह पर नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने एक चट्टान पर चलते हुए और उसे तोड़ने के बाद पहली बार शुद्ध सल्फर के क्रिस्टल खोजे हैं. यह खगोलीय खोज वैज्ञानिकों के लिए बेहद रोमांचक है और मंगल ग्रह के इतिहास के बारे में और जानने का मौका देती है.

रोवर ने मंगल ग्रह पर किया अनोखा खुलासा

क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर एक चट्टान को तोड़ा और उसके अंदर कुछ ऐसा मिला जो पहले कभी नहीं देखा गया था - पीले रंग के सल्फर के क्रिस्टल. इससे पहले रोवर ने सल्फर युक्त खनिजों का पता लगाया था जो सल्फर और अन्य पदार्थों का मिश्रण होते हैं. लेकिन इस चट्टान में शुद्ध, तत्वीय सल्फर था.

सल्फर के क्रिस्टल का महत्व

सल्फर, सड़े हुए अंडे से निकलने वाली गंध के लिए जाना जाता है. शुद्ध सल्फर गंधहीन होता है, और केवल कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में बनता है. वैज्ञानिकों को अभी तक इस स्थान के इतिहास में इन परिस्थितियों के बारे में पता नहीं है. क्यूरियोसिटी को काफी मात्रा में सल्फर मिला है - चमकदार चट्टानों का एक पूरा क्षेत्र जो तोड़ दी गई चट्टान जैसा दिखता है.

क्यूरियोसिटी रोवर ने गेडीज़ वैली चैनल में कई अन्य खोजें की हैं, जो 3-मील ऊंचे माउंट शार्प के एक हिस्से में एक नाली है. रोवर 2014 से इस पहाड़ के आधार पर चढ़ रहा है. पहाड़ की प्रत्येक परत मंगल ग्रह के इतिहास की एक अलग अवधि का प्रतिनिधित्व करती है. क्यूरियोसिटी का मिशन यह पता लगाना है कि ग्रह का प्राचीन भूभाग कब और कहां सूक्ष्म जीवों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकता था, अगर वे कभी मंगल ग्रह पर बने थे.

मंगल ग्रह के भूगर्भीय इतिहास का अध्ययन

क्यूरियोसिटी के लॉन्च से पहले ही अंतरिक्ष से देखा गया गेडीज़ वैली चैनल, वैज्ञानिकों के लिए इस जगह पर जाने का मुख्य कारण था. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चैनल तरल पानी और मलबे के प्रवाह से बनना था जिससे पहाड़ी से नीचे 2 मील तक फैला एक बड़ा ढेर बन गया था. यह जानने के लिए कि लाखों साल पहले यह इलाका कैसे बदला, वैज्ञानिकों ने गेडीज़ वैली में बहुत सारे अध्ययन किए हैं.

पानी और भूस्खलन का सबूत

क्यूरियोसिटी ने खोजा है कि गेडीज़ वैली चैनल के तल से उठने वाले मलबे के बड़े ढेर पानी के प्रवाह या भूस्खलन से बने हैं. सल्फर की खोज ने मंगल ग्रह के बारे में हमारी समझ को बदल दिया है. वैज्ञानिक अब मंगल ग्रह के सल्फर चक्र और अतीत में मंगल ग्रह पर मौजूद पानी की मात्रा के बारे में और भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. यह खोज इस बात का प्रमाण है कि मंगल ग्रह अपने अतीत में कितना भिन्न था.