चीन-पाक की खैर नहीं: DRDO ने पिनाका अत्याधुनिक रॉकेट का किया सफल परीक्षण, दूरी तक सटीक निशाना लगाने की क्षमता

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) (DRDO) ने पिनाका रॉकेट प्रणाली (Pinaka rocket nuclear) के अत्याधुनिक रॉकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह परीक्षण उड़ीसा स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र चांदीपुर (Chandipur) केंद्र से 4 नवंबर 2020 को किया गया.

साइंस Team Latestly|
चीन-पाक की खैर नहीं: DRDO ने पिनाका अत्याधुनिक रॉकेट का किया सफल परीक्षण, दूरी तक सटीक निशाना लगाने की क्षमता
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PIB)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) (DRDO) ने पिनाका रॉकेट प्रणाली (Pinaka rocket nuclear) के अत्याधुनिक रॉकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह परीक्षण उड़ीसा स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र चांदीपुर (Chandipur) केंद्र से 4 नवंबर 2020 को किया गया. डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई पिनाका प्रणाली में नया रॉकेट पहले की तुलना में न केवल ज्यादा दूरी तक सटीक निशाना लगा सकता है, बल्कि उसी लंबाई भी पिछले रॉकेट की तुलना में कम रखी गई है. रॉकेट की डिजाइन और लंबाई संबंधित काम डीआरडीओ की प्रयोगशाला पुणे में किया गया है. पुणे स्थित इस संस्थान को ऑर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (Development establishment), एआरडीई (ARDE) और हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लैबरोटरी (High Energy Materials Research Laboratory) , एचईएमआरएल (MHMRL) के नाम से जाना जाता है.

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चीन-पाक की खैर नहीं: DRDO ने पिनाका अत्याधुनिक रॉकेट का किया सफल परीक्षण, दूरी तक सटीक निशाना लगाने की क्षमता
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PIB)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) (DRDO) ने पिनाका रॉकेट प्रणाली (Pinaka rocket nuclear) के अत्याधुनिक रॉकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह परीक्षण उड़ीसा स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र चांदीपुर (Chandipur) केंद्र से 4 नवंबर 2020 को किया गया. डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई पिनाका प्रणाली में नया रॉकेट पहले की तुलना में न केवल ज्यादा दूरी तक सटीक निशाना लगा सकता है, बल्कि उसी लंबाई भी पिछले रॉकेट की तुलना में कम रखी गई है. रॉकेट की डिजाइन और लंबाई संबंधित काम डीआरडीओ की प्रयोगशाला पुणे में किया गया है. पुणे स्थित इस संस्थान को ऑर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (Development establishment), एआरडीई (ARDE) और हाई एनर्जी मैटेरियल्स रिसर्च लैबरोटरी (High Energy Materials Research Laboratory) , एचईएमआरएल (MHMRL) के नाम से जाना जाता है.

बुधवार को हुए परीक्षण के दौरान, एक के बाद एक छह रॉकेट का सफल परीक्षण किया गया. परीक्षण किए गए रॉकेट का निर्माण एम/एस इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (M/S Economic Explosive Limited), नागपुर (Nagpur) द्वारा किया गया है. जिसे तकनीकी स्थानांतरित की गई. परीक्षण के दौरान रॉकेट पर निगरानी करने का काम रॉडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (Electro Optical Tracking System), टेलीमेट्री उपकरणों द्वारा किया गया.

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पिनॉका प्रणाली के तहत अत्याधुनिक रॉकेट पिनाका एमके-1 रॉकेट की जगह लेंगे. जो अभी उत्पादन प्रक्रिया में हैं.

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