Chandrayaan-2: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने बुधवार को जानकारी दी कि दोपहर 2 बजकर 52 मिनट पर चंद्रयान-2 यानी 'बाहुबली' (Chandrayaan-2) सुनियोजित तरीके से पृथ्वी (Earth) की पहली कक्षा से सफलतापूर्वक आगे बढ़ गया. हालांकि इससे पहले इसरो (ISRO) ने मंगलवार को बयान जारी करके बताया था कि चंद्रयान 2 अच्छी स्थिति में है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 के रॉकेट से अलग होने के तुरंत बाद इस अंतरिक्ष यान का सौर पैनल अपने आप तैनात हो गया, जिसके बादल बेंगलुरु में इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमान नेटवर्क ने इस अंतरिक्ष यान का नियंत्रण सफलतापूर्वक अपने हाथ में ले लिया.
पृथ्वी की पहली कक्षा से आगे बढ़ा चंद्रयान-2
ISRO: First earth bound orbit raising maneuver for #Chandryaan2 spacecraft has been performed successfully today at 1452 hrs (IST) as planned. pic.twitter.com/oOZvWbjeS4
— ANI (@ANI) July 24, 2019
इसरो ने सोमवार को दोपहर 2:43 बजे भारत का दूसरा ‘मून मिशन’ चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) सफलतापूर्वक लॉन्च कर एक नया इतिहास रच दिया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसरो ने शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया, जिसके साथ भारत के नाम एक नया कीर्तिमान स्थापित हो गया. चंद्रयान-2 का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर को उतारना है. इस क्षेत्र में अब तक कोई अध्ययन नहीं हुआ है. बाहुबली के चांद पर पहुंचते ही वहां की हर छोटी से छोटी अपडेट तस्वीरों के साथ इसरो के पास पहुंच जाएगी. यह भी पढ़ें: Chandrayan-2: जानें इस समय कहां पहुंचा हैं चंद्रयान-2, देखें 'बाहुबली' के चांद तक पहुचने का पूरा सफर
ऐसा रहेगा चंद्रयान-2 का सफर-
बता दें कि चंद्रयान-2 प्रक्षेपण के 23 दिन तक पृथ्वी की एक अंडाकार कक्षा में मौजूद रहेगा. इसके बाद यह चांद की ओर रवाना हो जाएगा. बाहुबली इसके बाद फिर 30वें दिन तक चांद के सफर पर निकाल जाएगा. फिर 30वें दिन के बाद चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा. बाहुबली 42वें दिन तक चांद के इर्द-गिर्द घूमता रहेगा और अंत में 48वें दिन नियंत्रित गति से चांद पर लैंड करेगा.