Geomagnetic Storm: आज पृथ्वी से भू-चुंबकीय तूफान के टकराने की संभावना, GPS-रेडियो और सैटेलाइट पर बरपा सकता है कहर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Geomagnetic Storm: आज यानी गुरुवार को भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm) पृथ्वी (Earth) से टकरा सकता है, जो जीपीएस (GPS), रेडियो (Radio) और सैटेलाइट (Satellites) पर कहर बरपा सकता है. दरअसल, अमेरिका में नेशनल वेदर सर्विस के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) (Space Weather Prediction Center- SWPC) ने कहा कि 28 अगस्त को सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के बड़े निष्कासन के बाद गुरुवार को पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर (Magnetosphere) में एक बड़ी गड़बड़ी होने की उम्मीद है. यह अंतरिक्ष तूफान विद्युत ग्रिड और ट्रांसफार्मर को प्रभावित कर सकता है, उपग्रहों के साथ हस्तक्षेप करते हुए रेडियो संचार को बाधित कर सकता है और यहां तक ​​कि नॉर्दर्न लाइट्स को सामान्य से बहुत अधिक दक्षिण में भेज सकता है.

एसडब्ल्यूपीसी वेबसाइट (SWPC Website) पर एक बयान में कहा गया है- आम सहमति यह है कि ये तूफान संभवत 1-2 सितंबर को पृथ्वी पर पहुंच सकता है और G1-G2 तूफान की स्थिति पैदा हो सकती है. दरअसल, भू-चुंबकीय तूफानों का मूल्यांकन 1-5 के स्केल पर किया जाता है, जिसमें 1 सबसे कमजोर और 5 में नुकसान ज्यादा होने की संभावना होती है. जी-1 भू-चुंबकीय तूफान बिजली ग्रिड में उतार-चढ़ाव और उपग्रह संचालन पर मामूली प्रभाव सहित समस्याएं पैदा कर सकता है. यह भी पढ़ें: नासा हबल स्पेस टेलीस्कोप ने शेयर किया इंटरैक्टिंग आकाशगंगाओं द्वारा गठित कॉस्मिक रोज का आश्चर्यजनक वीडियो

यूसीएल के इंस्टीट्यूट फॉर रिस्क एंड डिजास्टर रिडक्शन में अंतरिक्ष जोखिम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रॉबर्ट विक्स ने पहले स्काई न्यूज को बताया था कि भू-चुंबकीय तूफान एक बिजली ब्लैकआउट का कारण बन सकता है. इस तूफान के चलते उपग्रह कुछ समय के लिए क्षतिग्रस्त या निष्क्रिय हो सकते हैं, जिसका मतलब यह है कि उपग्रह संचार, जीपीएस, मौसम पूर्वानुमान जैसी सभी चीजें प्रभावित या बाधित हो सकती हैं.