Chandrayaan-2: चंद्रयान-2 मिशन (Mission Chandrayaan-2) पर रोवर प्रज्ञान (Rover Pragyan) को लेकर रवाना हुए विक्रम (Lander Vikram) की सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश नाकाम होने के करीब 10 महीने बाद नासा (NASA) की नई तस्वीरों ने इस मिशन को लेकर भारत की उम्मीदें फिर से जगा दी है. दरअसल, चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा खोजने वाले स्पेस एंथोसियास्ट शनमुग सुब्रमण्यम (Shanmuga Subramanian) ने यह दावा किया है कि चंद्रयान-2 का रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सहत पर ही मौजूद है और वो लैंडर विक्रम से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित है. वहीं बताया जा रहा है कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) (ISRO) अब शनमुग सुब्रमण्यम के दावों की जांच करने की तैयारी में जुट गया है. इसरो चीफ के सीवन (K Sivan) का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकरी सुब्रमण्यम ने दी है और इसरों के एक्सपर्ट्स इसकी जांच कर रहे हैं.
नासा द्वारा ली गई चंद्रमा की सहत की ताजा तस्वीरों के साथ सुब्रमण्यम ने ट्वीट करके बताया है कि रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर ही मौजूद है. रफ लैंडिंग की वजह से चंद्रयान-2 का रोवर प्रज्ञान, विक्रम लैंडर से दूर हो गया था, इसलिए पृथ्वी तक कमांड्स नहीं पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह संभावना भी जताई है कि लैंडर को कई दिनों तक कमांड्स भेजे गए, जिन्हें हो सकता है कि लैंडर ने रिसीव भी किए हो और रोवर पर रिले भी किया हो, लेकिन लैंडर उन कमांड्स को पृथ्वी पर वापस भेजने में सक्षम न रहा हो. यह भी पढ़ें: Chandrayaan-3: ISRO जल्द लॉन्च करेगा चंद्रयान-3, थुथुकुडी में बनेगा नया स्पेस पोर्ट
देखें ट्वीट-
Chandrayaan2's Pragyan "ROVER" intact on Moon's surface & has rolled out few metres from the skeleton Vikram lander whose payloads got disintegrated due to rough landing | More details in below tweets @isro #Chandrayaan2 #VikramLander #PragyanRover (1/4) pic.twitter.com/iKSHntsK1f
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 1, 2020
उन्होंने नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर की तस्वीर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि व्हाइट डॉट पेलोड के अतिरिक्त लैंडर हो सकता है और तस्वीरों में दिखने वाला ब्लैक डॉट रोवर होना चाहिए. उनके अनुसार, चंद्रमा की सतह पर अब भी रोवर मौजूद है. गौरतलब है कि इसरो के मिशन चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम 6 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला था, लेकिन निर्धारित समय से 69 सेकेंड पहले ही उसका संपर्क पृथ्वी से टूट गया था.