हुवावेई ने गुरुवार को कहा कि वह ग्राहकों के बारे में शोध करने और लोकल स्थानों पर अपने उत्पाद को पहुंचाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि बाजार में मौजूद मोबाइल उपभोगताओं को 'सर्वश्रेष्ठ' अनुभव प्रदान किया जा सके. पिछले साल हुवावेई का आर एंड डी निवेश 12 अरब डॉलर को पार गया था. वर्ष 2018 के ईयू औद्योगिक आर एंड डी निवेश स्कोरबोर्ड में विश्व स्तर पर वह पांचवें स्थान पर रहा.
आरएंडडी निवेश में हुवावेई की विरासत ने उसे ब्रांड को दुनिया के सबसे बड़े पेटेंट धारकों में से एक बना दिया है. कंपनी ने बताया कि 31 दिसंबर, 2018 को उनके पेटेंट की कुल संख्या 87,805 तक पहुंच गई. दिलचस्प बात यह है कि भारत हुवावेई के निवेश का महत्वपूर्ण हिस्सा है. देश में हुवावे की सबसे बड़ी विदेशी आर एंड डी सुविधा है.
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कंपनी की बेंगलुरू स्थित आर एंड डी सुविधा दुनियाभर में कार्यालयों के साथ मिलकर काम करके वैश्विक रूप से हुवावेई के लिए सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. चीनी कंपनी ने सैमसंग के बाद दुनिया में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बनने की रेस में एपल को भी पीछे छोड़ दिया है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हुवावेई इटेंलिजेंट सेंसिंग, इंटेलिजेंट कोग्निशन और इंटेलिजेंट कंप्यूटिंग पर निवेश कर रहा है. हुवावेई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "एक विशिष्ट मोबाइल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना और ऐसे उत्पादों की पेशकश करना उपयोगकर्ताओं को न सिर्फ विशिष्ट अनुभव प्रदान करता है, बल्कि उन्हें एक-दूसरे से जुड़ने के तरीके को भी बढ़ाता है."
उन्होंने कहा, "उपभोक्ता हुवावेई के लिए सबसे मजबूत केंद्रबिंदु रहेंगे और हमें विश्वास है कि हम उपभोक्ताओं के लिए एक बेजोड़ अनुभव प्रदान करते रहेंगे." हुवावेई ने हाल ही में अपने पी-30 प्रो स्मार्टफोन को भारत के बाजार में उतारा है. वह देश में अपने लैपटॉप की नई लाइन लाने की योजना बना रहा है और इसके फोल्डेबल स्मार्टफोन 'मेट एक्स' को दुनिया का सबसे तेज 5-जी फोल्डेबल फोन कहा जाता है.