फेक न्यूज (Fake News) और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी (Child Pornography) पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने आईटी एक्ट (IT Act) में संशोधन का प्रस्ताव लाया है. अगर ये प्रस्ताव पास हो जाते हैं तो सरकार वैसे वेबसाइट्स और एप्स पर पूरी तरह से बैन लगा सकती है जिनपर फेक न्यूज और पॉर्न क्लिप मौजूद हों. ऐसे में व्हॉट्सएप (Whatsapp), फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter), यूसी वेब (UC Web), टेलीग्राम (Telegram) और गूगल (Google) जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का संचालन पर प्रभावित हो सकते हैं. आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए (Section 69A) के तहत, सरकार राज्य की संप्रभुता, सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए हानिकारक जानकारी पर रोक लगा सकती है.
अगर आईटी एक्ट में संशोधन होता है तो सरकार फेक न्यूज और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी फैलाने वाली वेबसाइट्स और एप्स पर पूरी तरह से बैन लगा सकती है. इसके अलावा सरकार नियम का उल्लंघन करने वालों पर 15 करोड़ रुपये या फिर वर्ल्डवाइड टर्नओवर का चार फीसदी तक का जुर्माना लगा सकती है. यह भी पढ़ें- योगी सरकार गौ सेवा के लिए वसूलेगी ‘गौ कल्याण सेस’, आवारा पशुओं के लिए बनेंगे आश्रय स्थल
साइबर लॉ एक्सपर्ट्स के अनुसार, मौजूदा आईटी एक्ट के जरिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फैले फेक न्यूज और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को रोकने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता. साइबर लॉ एक्सपर्ट पुनीत भसीन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हमें सख्त कानूनों की जरूरत है, जिसमें डेटा लोकलाइजेशन भी शामिल है.
अगर आईटी एक्ट में संशोधन होता है तो इससे व्हॉट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म का संचालन प्रभावित हो सकता है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि हमें नियमों का उल्लंघन करने या सहयोग करने से इनकार करने की स्थिति में कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने के लिए जवाबदेही और पावर की जरूरत होगी.