क्या भारत का 'Arattai' ऐप WhatsApp को टक्कर दे पाएगा? जानिए इस मैसेजिंग ऐप के बारे में सब कुछ
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Aratta App: भारत सरकार लगातार देश में बनी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रही है. इसी कोशिश में अब एक नए मैसेजिंग ऐप की चर्चा हो रही है, जिसका नाम है 'अरट्टई' (Arattai). इस ऐप को भारत के दो बड़े केंद्रीय मंत्रियों- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुलकर सपोर्ट किया है, जिसके बाद से ही लोग इसके बारे में जानना चाहते हैं.

यह ऐप चेन्नई की कंपनी 'ज़ोहो कॉर्पोरेशन' (Zoho Corporation) ने बनाया है और इसे वॉट्सऐप के भारतीय विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.

क्या है 'अरट्टई' ऐप?

'अरट्टई' एक तमिल शब्द है, जिसका मतलब होता है 'गपशप' या 'आम बातचीत'. जैसा इसका नाम है, वैसा ही इसका काम भी है. इस ऐप पर आप वॉट्सऐप की तरह ही टेक्स्ट मैसेज, फोटो, वीडियो भेज सकते हैं, वॉयस और वीडियो कॉल कर सकते हैं, स्टोरी लगा सकते हैं और डॉक्यूमेंट्स भी शेयर कर सकते हैं. कंपनियों के लिए इसमें ब्रॉडकास्ट चैनल बनाने का भी फीचर है.

मंत्रियों ने भी इस ऐप की तारीफ की है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे "फ्री, इस्तेमाल में आसान और सुरक्षित" बताया. वहीं, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तो कैबिनेट की एक प्रेजेंटेशन भी ज़ोहो के सॉफ्टवेयर (Zoho Show) पर दी, माइक्रोसॉफ्ट पावरपॉइंट की जगह.

सिक्योरिटी और फीचर्स: क्या यह वॉट्सऐप जितना सेफ है?

यहीं पर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है. 'अरट्टई' में वॉयस और वीडियो कॉल तो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड (end-to-end encrypted) हैं, जिसका मतलब है कि कॉल करने वाले और सुनने वाले के अलावा कोई तीसरा उसे सुन नहीं सकता.

लेकिन, इसके टेक्स्ट मैसेज एन्क्रिप्टेड नहीं हैं. यह इसकी सबसे बड़ी कमी है, क्योंकि वॉट्सऐप की सबसे बड़ी खासियत ही यही है कि उसके मैसेज भी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित होते हैं. आज के समय में मैसेज की सुरक्षा सबसे ज़रूरी मानी जाती है.

आगे की चुनौती क्या है?

ज़ोहो एक बहुत बड़ी और सफल भारतीय कंपनी है, जिसके 55 से ज़्यादा बिजनेस एप्लीकेशन हैं और दुनियाभर में 13 करोड़ से ज़्यादा यूजर हैं. लेकिन मैसेजिंग ऐप 'अरट्टई' के लिए रास्ता आसान नहीं है.

इसका मुकाबला सीधे वॉट्सऐप से है, जिसके दुनियाभर में लगभग 3 अरब एक्टिव यूजर हैं. अगर 'अरट्टई' को सच में वॉट्सऐप को टक्कर देनी है, तो उसे अपने फीचर्स बढ़ाने होंगे और सबसे ज़रूरी, टेक्स्ट मैसेज के लिए भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लाना होगा. इसके बिना यूजर्स का भरोसा जीतना बहुत मुश्किल होगा.