नई दिल्ली: भारतीय जूडोका सुचिका तड़ियाल(Suchika Tariyal)ने ग्रीस के हेराक्लिओन में आयोजित JJIF विश्व जू-जित्सु चैंपियनशिप(JJIF Ju-Jitsu World Championships) 2024 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने महिलाओं के -63 किलोग्राम वर्ग में अपने शानदार प्रदर्शन के बलबूते फाइनल मुकाबले में यूक्रेन की सिवच ओलेकसेंड्रा को हराते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया. इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही सुचिका ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है. चैंपियनशिप के फाइनल में सुचिका का मुकाबला ओलेकसेंड्रा के साथ था, जहाँ उन्होंने दृढ़ संकल्प और रणनीति के साथ मैच पर पकड़ बनाए रखी और अंततः स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इस जीत के साथ उन्होंने यह साबित किया कि भारतीय खिलाड़ी विश्व स्तर पर किसी से कम नहीं हैं. यह भी पढ़ें: कल निर्णायक मुकाबले में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी भारतीय महिला टीम, मैच से पहले जानें हेड टू हेड रिकार्ड्स, मिनी बैटल, स्ट्रीमिंग समेत सभी डिटेल्स
सुचिका का जूडो और जू-जित्सु में करियर शानदार रहा है. 2022 में बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने महिलाओं के 57 किलोग्राम जूडो वर्ग में हिस्सा लिया था, जहाँ वह कांस्य पदक से चूक गईं थीं. उस मैच में उन्हें मॉरीशस की क्रिश्चिएन लेजेंटिल ने हराया था, लेकिन उस हार के बाद भी उन्होंने अपने हौसले को कम नहीं होने दिया. में, ग्रेट ब्रिटेन में आयोजित कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में सुचिका ने 57 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. उस जीत के बाद से ही वह भारत के सबसे होनहार जूडोका में से एक मानी जाती हैं, और उनके नाम कई उपलब्धियाँ जुड़ चुकी हैं.
सुचिका तरियाल ने स्वर्ण पदक जीता(Suchika Tariyal Wins Gold Medal)
🇮🇳🥇 GOLD FOR INDIA! 🎉
Suchika Tariyal wins 🥇 in Adults Ju-Jitsu Contact Female -63kg at JJIF World Championships in Greece! 🇬🇷#JuJitsu@IndiaSports @Media_SAI @suchika_tariyal pic.twitter.com/hfOrdV6xNg
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) October 28, 2024
सुचिका की इस जीत से भारतीय महिला खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और भी बढ़ेगा. हाल के वर्षों में भारत की महिला खिलाड़ियों ने विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है, जिससे देश का नाम रोशन हुआ है. सुचिका तड़ियाल की इस अद्वितीय सफलता ने न केवल भारतीय जूडो और जू-जित्सु खेलों को एक नई पहचान दी है बल्कि भविष्य में भी ऐसे खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.