भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि जब तक कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक क्रिकेट उससे अलग होगा, जिसके प्रशंसक और हितधारक आदी हैं. द्रविड़ ने सेनी टेन पिट शॉप के फेसबुक पेज पर कहा, "जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती और हमें पूरे विश्व को लेकर आत्मविश्वास नहीं हो जाता. मैं कोई मेडिकल प्रोफेशनल नहीं हूं, लेकिन जो मैंने सुना है, वायरस लंबे समय तक नहीं जाने वाला है, लेकिन एक समय ऐसा आएगा, जब हम इससे और अच्छी तरह निपट सकेंगे." उन्होंने कहा, "तब तक क्रिकेट काफी अलग होने वाला है. मुझे लगता है कि क्रिकेट कई मायनों में जीवन की परछाई है, इसिलए मैं इसे प्रभावित हुए बिना नहीं देख पा रहा हूं."
द्रविड़ ने कहा कि जिस तरीके से खेल खेला जाता है, जश्न मनाने से लेकर ड्रेसिंग रूम के तौर तरीकों तक सब कुछ प्रभावित होने वाला है. अगले महीने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है और इसी के साथ कोविड-19 के बीच क्रिकेट की वापसी होगी. यह सीरीज बायो सिक्योर वातावरण में खेली जाएगी. द्रविड़ ने इसे लेकर कहा, "यह सीरीज अच्छा परीक्षण साबित होगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि एक महीने के समय में क्या होता है. उम्मीद है कि यह आगे बढ़े और वह लोग सुरक्षा के साथ खेल सकें. यह हमें एक उदाहरण देगी कि चीजें कैसे हो सकती हैं."
कोविड-19 के कारण आईसीसी ने नए नियम भी लागू किए हैं और उनमें से एक है गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा पर बैन लगाना. इसे लेकर द्रविड़ ने कहा, "काफी सारे लोग कह रहे हैं कि इंग्लैंड में अगर आप पसीने का इस्तेमाल करते हैं तो यह वही काम करेगा जो सलाइवा करता है. इसलिए गेंद को चमकाने से आपको रोका नहीं गया है. मेडिकल संबंधी लोगों ने कहा है कि वायरस पसीने के जरिए नहीं पहुंचेगा, लेकिन मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि अगर पीसना काम नहीं करता है तो क्या वो कुछ अतिरिक्त पदार्थ का उपयोग करने की मंजूरी देंगे या नहीं."