मुंबई: टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2014 में अचानक टेस्ट से संन्यास ले लिया था. एमएस का यह फैसला इतना आश्चर्यजनक था कि किसी को इसपर यक़ीन नहीं हो रहा था. धोनी ने मेलबर्न के मैदान पर आखिरी बार भारत की सफेद कपड़ों में खेला था. धोनी ने अपना पहला टेस्ट भी दिसंबर में ही खेला था और आखिरी भी. धोनी ने पहली बार 2 दिसंबर 2005 में विशाखापट्टनम में मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ खेला था.
गौरतलब है कि धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को टेस्ट में नंबर वन बनाया था और कई मुश्किल मैच भी जिताए थे.
जनवरी 2017 में धोनी ने भारतीय टीम के वन-डे और टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता. उन्हीं की कप्तानी में भारत ने 2007 आईसीसी वर्ल्ड 20-20, 2007-08 कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज, 2007-2008 में सीबी सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जैसे अहम मुकाबले भी जीते.
इसमें कोई शक नहीं है कि धोनी ने भारतीय टीम को नई ऊंचाई तक पहुंचाया. ऐसा करते हुए उन्होंने कई खिलाडियों के करियर भी बनाए. इसी कड़ी में हम आपको बता रहे है पांच ऐसे खिलाड़ियों के बारे में जिनका करियर बनाने में धोनी का बहुत बड़ा योगदान है. इस लिस्ट में पहला नाम आता है रोहित शर्मा का. साल 2013 रोहित के लिए अहम साल रहा जब उन्हें टीम का सलामी बल्लेबाज बनाया गया. साथ ही इसी साल रोहित पुरे कलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनानेवालों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर थे.
धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को टेस्ट में नंबर वन बनाया था और कई मुश्किल मैच भी जिताए थे।यह कहना गलत नहीं होगा कि लगातार खराब फॉर्म में चल रहे रोहित शर्मा को बतौर ओपनर बल्लेबाज के रूप में मौका दिया. नतीजा यह हुआ कि वर्ष 2013 में रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में 93 गेंदों में 83 रनों की लाजवाब पारी खेली. रोहित शर्मा बतौर सलामी बल्लेबाज 3 दोहरे शतक जड चुके हैं.
इस लिस्ट में दूसरा नाम है रविन्द्र जडेजा का.
भारत को चैंपियन बनाने में जडेजा का अहम योगदान था. धोनी ने ही जडेजा को घरेलु क्रिकेट से उठाकर इंटरनेशनल खिलाड़ी बना दिया. अपने स्पिन से जडेजा ने कई बल्लेबाजों को आउट किया और बीत से भी अहम् योगदान दिए.
तीसरे खिलाड़ी है रविचंद्रन अश्विन. बता दें कि अश्विन तमिलनाडु की टीम से खेलते हुए रणजी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बाद उन्हें आईपीएल 2010 में उन्हें चेन्नई की तरफ से खेलने का मौका मिला.
इस मौके का अश्विन ने फायदा उठाया और बेहतरीन प्रदर्शन किया. जिसके बाद उनका सिलेक्शन टीम इंडिया में हो गया. 2011 वर्ल्ड कप में अश्विन के फिरकी के जाल में कई बल्लेबाज फंसे. आर अश्विन का प्रदर्शन एशिया में काफी अच्छा रहा जिसके चलते टीम इंडिया ने कई मैच जीते हैं.
इस लिस्ट में चौथे खिलाड़ी है सुरेश रैना. पूर्व कप्तान धोनी से रैना का रिश्ता बेहद ही खास है. कई मौकों पर यह बातें सामने भी आई है.
ज्ञात हो कि रैना कि फील्डिंग की कोई बराबरी नहीं कर सकता है. इनकी फील्डिंग बेहतरीन होती है. टेस्ट, वनडे और टी-20 के भी कैचों को मिलकर देखे तो रैना ने अभी तक 150 से ज्यादा कैच अपने नाम किये है.
इस लिस्ट में पांचवे खिलाड़ी हैं विराट कोहली. सीमित ओवर के क्रिकेट में ही नहीं बल्कि विराट कोहली को धोनी ने बड़े फॉर्मेट में भी मौका दिया.
कोहली के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए धोनी ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मौका दिया. हालांकि साल 2011-2012 में विराट ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फ्लॉप साबित हुए. बावजूद इसके धोनी ने कोहली को तीसरे टेस्ट में खेलने का मौका दिया. कप्तान के भरोसे पर खरे उतरते हुए विराट ने हाफ सेंचुरी लगाई और एडिलेड में सेंचुरी लगाकर आलोचकों का मुंह बंद कर दिया. विराट कोहली ने फरवरी 2018 में वनडे करियर का 35वां शतक जड़ा है.
धोनी ने इन पांचों खिलाड़ियों को खराब फॉर्म में चलने के बावजूद मौके देकर इनका मनोबल बढ़ाया. जिससे ये अब अच्छे प्रदर्शन कर रहे है. विराट, धोनी की कप्तानी में खेलकर आज टीम इंडिया के कप्तान बन चुके है.