PSL 2026 Brand Value: पाकिस्तान सुपर लीग की स्पॉन्सरशिप में भारी बढ़ोतरी! आर्थिक गिरावट के बीच डालिए ब्रांड वैल्यू पर नज़र, आंकड़ों में समाझिए दावा सच या झूठ?
पाकिस्तान सुपर लीग (Photo credits: X/@TheRealPCB)

PSL 2026 Brand Value: पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) और हबीब बैंक लिमिटेड (HBL) ने हाल ही में अपनी साझेदारी को दोबारा रिनवल करने की घोषणा की है, जिसके तहत अगले दो सीज़न तक HBL टूर्नामेंट के टाइटल स्पॉन्सर रहेंगे. इस घोषणा के साथ ही लीग के अधिकारियों ने दावा किया कि PSL के टाइटल स्पॉन्सरशिप की कीमत में 2016 के पहले सीज़न के मुकाबले 505% की वृद्धि हुई है. लेकिन इस दावे के पीछे छिपी सच्चाई और लीग की वास्तविक स्थिति का गहराई से विश्लेषण करने पर कई सवाल उठते हैं. मुल्तान सुल्तान्स के मालिक अली तरीन का लीग से निकलना और ब्रांड वैल्यू में लगातार गिरावट भी एक स्पष्ट संकेत है कि PSL को अपनी नीतियों और नेतृत्व में बदलाव की जरूरत है. लीग को अब पुरानी सोच और राजनीतिक हस्तक्षेप से बाहर निकलकर युवा और नए लोगो को जगह देनी चाहिए. आईपीएल मिनी ऑक्शन से पहले जानिए सभी टीमों की पूरी स्ट्रेंथ; किसे क्या चाहिए, किन खिलाड़ियों पर लगेगी सबसे बड़ी बोली समेत सारे डिटेल्स

आंकड़ों में समाझिए 

PSL ने साल 2016 में अपनी शुरुआत की थी और तब से लगातार HBL इसके टाइटल स्पॉन्सर रहे हैं. 2016 से 2018 तक टाइटल स्पॉन्सरशिप की कीमत 54.4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (5.2 मिलियन डॉलर) थी. 2019 से 2021 तक यह बढ़कर 214.8 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (14.3 मिलियन डॉलर) हो गई. 2022 से 2025 तक यह आंकड़ा 340 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (22.2 मिलियन डॉलर) तक पहुंच गया. लेकिन अगले दो सीज़न के लिए यह कीमत 329.12 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (11.76 मिलियन डॉलर) होने जा रही है, जो असल में पिछले साइकिल के मुकाबले घटी हुई है. यह आंकड़ा आज की मुद्रास्फीति और पाकिस्तानी रुपये की गिरती कीमत के हिसाब से भी कम है.

PSL प्रशासन का दावा है कि स्पॉन्सरशिप की कीमत में 505% की वृद्धि हुई है, लेकिन वास्तविकता यह है कि आज की कीमत पिछले साइकिल की तुलना में न सिर्फ कम है, बल्कि डॉलर के हिसाब से भी गिरावट दिखती है. इसका मतलब यह है कि लीग का ब्रांड वैल्यू और वास्तविक मार्केट वैल्यू गिर रही है. पाकिस्तान की खराब आर्थिक स्थिति और मुद्रा की गिरती कीमत के चलते यह आंकड़े और भी निराशाजनक हैं. इसके अलावा, PSL अब उन खिलाड़ियों का अड्डा बनता जा रहा है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल जैसी बड़ी लीग में जगह नहीं मिलती. इसमें फाफ डु प्लेसिस, डेविड वॉर्नर जैसे नाम शामिल हैं. ऐसे में PSL को ‘क्रिकेट के उन फूलों की शरदकालीन बाज़ार’ कहा जा सकता है, जो अपनी चमक खो चुके हैं.