नई दिल्ली, 21 अगस्त: टी20 विश्व कप 2024 के यादगार लम्हे आज भी भारतीय क्रिकेट फैंस के मन में खास जगह रखते हैं, लेकिन क्रिकेट के इस महाकुंभ के दौरान मुश्किल और खराब पिच एक बड़ी बहस का मुद्दा रही. टी20 फॉर्मेट में बल्लेबाजों को एक-एक रन के लिए तरसता देख, हर कोई हैरान था. टूर्नामेंट का आयोजन अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में हुआ था. यह भी पढ़ें: क्रिकेट में सबसे पहला 'मांकडिंग' किसने किया था? इस भारतीय खिलाड़ी नाम पर मिली पहचानम, जानें पूरा किस्सा
अमेरिकी में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए यहां टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था, लेकिन मेगा इवेंट को कराने के लिए अमेरिका में पिच से लेकर व्यवस्था तक काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. विश्व कप के लिए अमेरिका में नासाऊ काउंटी क्रिकेट स्टेडियम के रूप में एक अस्थाई स्टेडियम भी बनाया गया था. न्यूयॉर्क की पिचों पर 8 मैच खेले गए थे जिन पर बल्लेबाजों को रन बनाने में दिक्कत आई.
अब आईसीसी ने इन पिचों को खराब रेटिंग दी है. हालांकि, विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच जो मुकाबला हुआ था, उस पिच को संतोषजनक बताया गया है. आईसीसी की रिपोर्ट में न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम में खेले गए पहले दो मैचों और तरौबा के ब्रायन लारा अकादमी में हुए सेमीफाइनल के लिए तैयार किए गए पिचों को 'असंतोषजनक' रेटिंग दी है.
आईसीसी का यह फैसला वैश्विक टूर्नामेंट के खत्म होने के 2 महीने बाद आया है जिसके फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराया था. न्यूयॉर्क की पिच को लेकर बवाल टूर्नामेंट के दौरान ही मच गया था. यहां खेले गए दो मैचों में कोई भी टीम 100 रनों के आंकड़े को भी पार करने में सफल नहीं हुई थी. 3 जून को श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच हुआ था जिसमें दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने श्रीलंका की टीम को 77 रनों पर ढेर कर दिया था. उसके दो दिन बाद न्यूयॉर्क में भारत और आयरलैंड के बीच मैच हुआ था जिसमें भारत ने अपने विपक्षी टीम को 96 रनों पर ऑलआउट कर दिया था.
भारत और आयरलैंड के बीच खेले गए उस मैच में कई खिलाड़ियों को चोट भी लगी थी. पिच पर मौजूद दोहरे उछाल ने रोहित शर्मा को भी चोटिल कर दिया था जिसके कारण उन्हें 'रिटायर्ड हर्ट' होना पड़ा था. इसके अलावा उस मैच में हैरी ट्रैक्टर और ऋषभ पंत को भी चोट लगी थी. उस समय एंडी फ्लावर ने उस पिच को खतरनाक होने के काफी करीब बताया था. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने उस पिच को चौंकाने वाला बताया था.
ज्ञात हो कि, न्यूयॉर्क का वह मैदान सिर्फ पांच महीने में तैयार किया गया था। आलोचनाओं के बाद, आईसीसी ने भी स्वीकार किया था कि पिचों का स्तर बिल्कुल भी अच्छा नहीं था.
हालांकि न्यूयॉर्क से भी अधिक चर्चा सेमीफाइनल की पिच के बारे में हुई थी, जहां अफगानिस्तान की टीम 56 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी. उस पिच पर कुछ गेंदे एक ही स्थान से नीची भी रह रही थी और एक्स्ट्रा बाउंस भी ले रही थी. उस समय अफगानिस्तान के मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा था, "यह बिल्कुल भी ऐसी पिच नहीं है, जिस पर आप सेमीफाइनल खेलना चाहते हैं."
आईसीसी सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए पिचों और आउटफील्ड को 'बहुत अच्छे से अनफिट' के पैमाने पर रेट करता है: बहुत अच्छा, अच्छा, संतोषजनक, असंतोषजनक और अनफिट. भारत और इंग्लैंड के बीच जो सेमीफाइनल खेला गया था, उस पिच को 'संतोषजनक' दर्जा दिया गया था, जबकि भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए फाइनल की पिच को 'बहुत अच्छा' दर्जा दिया गया था.
आईसीसी आउटफील्ड की स्थिति से काफी हद तक खुश थी. केवल न्यूयॉर्क और गुयाना के आउटफील्ड को 'संतोषजनक' रेटिंग मिली, जबकि अन्य मैदानों को 'बहुत अच्छी' रेटिंग मिली.