Babar Azam Sexual Harassment Case: पुलिस द्वारा स्टार बल्लेबाज बाबर आजम के खिलाफ एक महिला की यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करने से इनकार करने के बाद, महिला ट्रायल कोर्ट चली गई. कोर्ट ने पुलिस को स्टार बल्लेबाज के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया. बाबर आजम ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को लाहौर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. एक्सप्रेस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और मामला दर्ज करने के फैसले पर स्थगन आदेश बढ़ा दिया. जस्टिस मोहम्मद वहीद खान ने पूर्व क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम की याचिका पर आदेश जारी किया, जबकि बैरिस्टर हारिस अजमत ने 30 वर्षीय क्रिकेटर का प्रतिनिधित्व किया. बाबर आजम की याचिका पर आगे की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. यह भी पढ़ें: PAK कप्तान बाबर आजम हनी ट्रैप का हुए शिकार, सेक्सटिंग के बाद वॉइस नोट्स, महिला के साथ वीडियो वायरल
बाबर आजम यौन उत्पीड़न मामला
कुछ साल पहले, हमीजा मुख्तार ने तर्क दिया था कि वह और बाबर आजम लंबे समय से रिलेशनशिप में थी. उसने यह भी बताया कि आजम ने उससे शादी करने का वादा करके गर्भ में पल रहे बच्चे का गर्भपात करवा दिया था, यह कहते हुए कि शादी से पहले बच्चा पैदा करना उनके लिए अच्छा नहीं होगा. बाद में महिला बाबर आजम के खिलाफ एफआईआर (प्रथम जांच रिपोर्ट) दर्ज करवाने के लिए नसीराबाद पुलिस के पास गई, लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
फिर वह गर्भपात और आजम के साथ अपने संबंधों को साबित करने के लिए मेडिकल दस्तावेजों सहित सभी दस्तावेजों की मदद लेने के लिए ट्रायल कोर्ट गई. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उसने अदालत से अनुरोध किया कि वह संबंधित विभागों को आजम के खिलाफ शादी के नाम पर ब्लैकमेल करने और उसके साथ व्यभिचार करने के लिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी करे. उसने कहा कि उसे और उसके परिवार को धमकियाँ मिली हैं.
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश आबिद रजा खान की अदालत में मुख्तार द्वारा दायर 'उत्पीड़न याचिका' के संबंध में अधिकारियों द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें पुलिस को उसे और उसके परिवार के सदस्यों को 'उत्पीड़ित करने और ब्लैकमेल करने' से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई. फिलहाल, मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को लाहौर उच्च न्यायालय में है.