
Asia Cup 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बिगड़ते रिश्तों और पहलगाम आतंकी हमले के बाद जहाँ एशिया कप 2025 अधर में लटका नजर आ रहा था, वहीं अब इस टूर्नामेंट को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. Cricbuzz की एक रिपोर्ट के अनुसार, एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) इस टूर्नामेंट को सितंबर में आयोजित करने के लिए तैयार है और पहले सप्ताह में शेड्यूल जारी किया जा सकता है. हालांकि अभी तक कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन अगले हफ्ते अंतिम निर्णय की उम्मीद की जा रही है. यह टूर्नामेंट टी20 फॉर्मेट में खेला जाएगा जिसमें छह टीमें - भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और यूएई भाग लेंगी. जॉन सीना ने सीएम पंक को हराकर टाइटल बचाया, कोडी रोड्स और जेड कारगिल बने किंग और क्वीन ऑफ द रिंग, यहां देखें टूर्नामेंट का हाइलाइट्स
भारत आधिकारिक मेज़बान, लेकिन मैच UAE में होने की संभावना
भले ही भारत एशिया कप 2025 का आधिकारिक मेज़बान है, लेकिन टूर्नामेंट को लेकर हाइब्रिड मॉडल अपनाया जा सकता है. ज्यादातर मुकाबले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कराए जा सकते हैं. इस फैसले के पीछे BCCI और PCB के बीच बनी सहमति अहम रही, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले सभी मुकाबले न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे. यह मॉडल पिछले साल के एशिया कप में भी देखा गया था, जब पाकिस्तान ने मेज़बानी की थी लेकिन भारत ने श्रीलंका में अपने मैच खेले थे.
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
कुछ हफ्तों पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में भारी तनाव देखा गया. इसके बाद ऐसी अटकलें लगने लगी थीं कि भारत एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर सकता है या फिर आईसीसी टूर्नामेंट्स में भी बहिष्कार की राह पर जा सकता है. हालांकि, ताज़ा घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट भिड़ंत विशेषकर एशिया कप और आईसीसी आयोजनों में जारी रहेगी.
आईसीसी टूर्नामेंट्स में भी होगी टक्कर
आईसीसी ने हाल ही में महिला वनडे वर्ल्ड कप (भारत और श्रीलंका की मेजबानी में) और महिला टी20 वर्ल्ड कप (इंग्लैंड) के कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनों बार एक-दूसरे से टकराने वाले हैं. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि क्रिकेट के मैदान में यह चिर-प्रतिद्वंद्विता बनी रहेगी.
वित्तीय नुकसान से बचने के लिए दबाव में बोर्ड्स
भारत और पाकिस्तान के मुकाबले सिर्फ खेल नहीं बल्कि भारी आर्थिक लाभ का भी जरिया होते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत-पाकिस्तान मैचों से प्रसारण कंपनियों और आयोजकों को करोड़ों की कमाई होती है. ऐसे में अगर क्रिकेट संबंध पूरी तरह टूट जाते, तो ICC और ACC को बड़ा वित्तीय झटका लगता. यही कारण है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद क्रिकेट डिप्लोमेसी काम कर रही है.