जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी खिलाड़ी के लिए भारतीय टीम में ब्रेक लेना आसान नहीं होता. आज के दौर मे क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा कठिन होती जा रही है. इस लिहाज से एक खिलाड़ी को सीनियर टीम में कॉल करने के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जो खिलाड़ी शुरुआती दौर में अच्छा प्रदर्शन नही कर पाते हैं वो कहीं न कहीं टीम चयनकर्ताओं के द्वारा एक तरीके से नजर अंदाज कर दिए जाते हैं. चलिए हम आपको कुछ ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि लंबे समय तक टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हो सके.
देबाशीष मोहंती
तेज गेंदबाज देबाशीष मोहंती अक्सर गेंद को स्विंग कराने को लेकर जाने जाते हैं. उड़ीसा में जन्मे मीडियम पेसर मोहंती ने 45 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय खेल और दो टेस्ट खेले. मोहंती के लिए ये मैच उनके करियर के लिहाज से काफी खास थे इसलिए उनके लिए यहां पर कहीं न कहीं करो या मरो वाली स्थिति भी थी. हालांकि कि ये सब उनके लिए उतना कठिन नहीं माना जा रहा था क्योंकि उनके पास बाॅल को स्विंग करने का कौशल था. इस दौरान मोहंती ने 50 ओवरों में 57 विकेट झटके.
आविष्कार साल्वी:
क्रिकेट जानकारों का मानना है कि तेज गेंदबाज आविष्कार साल्वीआविष्कार साल्वी क्रिकेट की दुनिया के अगले ग्लेन मैकग्राथ बनना चाहते थे. साल्वी ने मेन इन ब्लू के लिए केवल चार मैच खेले क्योंकि वह अपने आगामी मैचों में कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाए थे. मुंबई का यह गेंदबाज टेस्ट टीम में भी जगह नहीं बना सका. इसके अलावा, साल्वी ने सात आईपीएल मैच खेले.
अमय खुरासिया:
कहा जाता है कि आपका पहला ही प्रदर्शन आपके आगे की यात्रा तय करता है. ऐसा ही कुछ अमय खुरासिया के साथ देखने को मिला. खुरासिया ने अपने पदार्पण पर पचासा ठोका लेकिन वह अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान लचर प्रदर्शन की वजह से फ्लाॅप हो गए. बता दें कि खुरासिया ने भारतीय टीम के लिए 12 मैच खेले। मध्य प्रदेश के बल्लेबाज ने 11 पारियों में केवल 149 रन बनाए. इस प्रकार, उन्हें भारतीय टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
दिनेश मोंगिया:
बल्लेबाज दिनेश मोंगिया का प्रदर्शन बाकी खिलाड़ियों से काफी हद तक ठीक था. मोंगिया ने जिम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 159 रनों की यादगार पारी खेली. इसके अलावा मोंगिया ने 5 मैचों की श्रृंखला में मैन ऑफ द सीरीज़ का पुरस्कार जीता. बता दें कि मोंगिया ने वनडे में खेली गई 51 पारियों में 1,230 रन बनाए.