पुणे में दिल का दौरा पड़ने से 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. यह लड़का अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था. अचानक उनके सीने में दर्द होने लगा. दोस्तों ने तुरंत उसके पिता को सूचना दी और अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर ने उसकी हालत देखकर उसे बड़े अस्पताल में जाने को कहा. डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल में इलाज शुरू किया, लेकिन लड़के की मौत हो गई. हर कोई हैरान है कि इतने छोटे बच्चे को हार्ट अटैक आ गया. इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है. यह भी पढ़ें: तेलंगाना में क्रिकेट खेलते समय हार्ट अटैक से 37 वर्षीय खिलाड़ी की असामयिक मौत, लगातार बढ़ रही इस तरह की घटना
वास्तव में क्या हुआ?
मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में पुणे जिले के वनोरी इलाके में गुरुवार की शाम 14 वर्षीय छात्र वेदांत अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था. खेलते-खेलते लड़के के सीने में तेज दर्द होने लगा. इतने में जमीन पर गिरकर बालक तड़पने लगा. साथ खेल रहे बच्चों ने तुरंत वेदांत के पिता को मामले की जानकारी दी। इसके बाद बच्चे को वनोरी के एक अस्पताल में ले जाया गया. वहां डॉक्टर ने लड़के की हालत देखकर प्राथमिक उपचार के बाद किसी बड़े अस्पताल में जाने की सलाह दी. इसके बाद परिजन बच्चे को फातिमा नगर स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए. डॉक्टर ने बच्चे की हालत देखकर उसे भर्ती कर लिया, लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट के कारण लड़के की हालत बिगड़ गई थी और इसी वजह से उसकी मौत हुई है.
पुलिस ने क्या?
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों व डॉक्टरों से पूछताछ की. वनौरी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने बताया कि बच्चे की मौत का कारण हार्ट अटैक था. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी छोटे बच्चे के साथ ऐसा क्यों और कैसे हुआ. इसके लिए बच्चे के साथ खेल रहे अन्य बच्चों की भी जांच की जा रही है. यह भी पढ़ें: नहीं रुक रहा खिलाड़ियों की मौत का सिलसिला, क्रिकेट खेलते समय हार्ट अटैक से गुजरात में एक और मौत, पिछले 45 दिनों में 8वीं घटना
बच्चों को भी हार्ट अटैक का खतरा
ब्लड हार्ट में दो कोरोनरी नसों के माध्यम से सर्कुलेशन करता है और इनके साथ-साथ ऑक्सीजन भी दिल में पहुँचता है. यह बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह दिल की मांसपेशियों को जीवित रखने के लिए आवश्यक होता है, लेकिन जब तक ब्लड सर्कुलेशन रुक नहीं जाता है, तब तक सब ठीक रहता है। अचानक ब्लड सर्कुलेशन रुक जाने से दिल की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जिसे हम हार्ट अटैक कहते हैं. बच्चों में दिल का दौरा बहुत कम होता है, यह तब तक होता है जब तक उनकी मांसपेशियों में कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चों में स्वास्थ्य स्थितियां ही हार्ट अटैक की संभावनाओं को बढ़ाती हैं.