सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह धर्मान्तरित ईसाई और मुस्लिम दलितों के लिए आरक्षण की प्रयोज्यता से जुड़े संवैधानिक सवालों पर अपनी आंखें बंद नहीं कर सकता. तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करने की केंद्र सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस रंगनाथ मिश्रा आयोग के निष्कर्षों को खारिज करने के बाद इस मामले में दूसरा पैनल स्थापित किया गया. न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में हिन्दू धर्म से इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाने वाले व्यक्ति को SC/ST का दर्जा दिए जाने की सिफारिश की थी.

बता दें कि केंद्र ने पहले अदालत से कहा था कि ईसाई और इस्लाम धर्म अपनाने वाले दलितों को अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं दिया जा सकता क्योंकि उन धार्मिक समुदायों में कोई पिछड़ापन या उत्पीड़न नहीं है.

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