इतिहास में 15 दिसंबर की तारीख देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के रूप में दर्ज है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा “सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर नमन. उनकी महान सेवा, उनके प्रशासनिक कौशल और हमारे राष्ट्र को एकजुट करने के अथक प्रयासों के लिए भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा.”

31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में एक किसान परिवार में पैदा हुए पटेल को उनकी कूटनीतिक क्षमताओं के लिए सदा स्मरण किया जाएगा. देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल ने आज़ादी के बाद देश के नक्शे को मौजूदा स्वरूप देने में अमूल्य योगदान दिया. देश को एकजुट करने की दिशा में पटेल की राजनीतिक और कूटनीतिक क्षमता ने अहम भूमिका निभाई. भारत रत्न से सम्मानित सरदार पटेल ने 15 दिसंबर 1950 को अंतिम सांस ली. देश की एकता में उनके योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गुजरात में नर्मदा नदी के करीब उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है. ऐसा दावा है कि यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है.

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