झारखंड: रांची कोर्ट ने राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव (Yogendra Sao) और उनकी पत्नी निर्मला देवी (Nirmala Devi) को साल 2015 में हजारीबाग के बड़कागांव में पुलिस फायरिंग मामले में 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 22 मार्च को उनके (पूर्व मंत्री साओ के) बेटे को बरी कर दिया था.
एनटीपीसी खनन को लेकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व निर्मला देवी ने कफन सत्याग्रह शुरू किया था. उस दिन तत्कालीन विधायक निर्मला देवी की गिरफ्तारी के बाद समर्थक जब उन्हें छुड़ाकर ले जा रहे थे, तो पुलिस की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. जिनकी मौत हुई थी, उनमें मो महताब, रंजन कुमार दास, पवन कुमार साव और अभिषेक कुमार राय शामिल हैं.
यह घटना एक अक्तूबर 2016 की है. मामले में दो अक्तूबर 2016 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. तीन दिसंबर 2016 को चार्जशीट दाखिल की गई थी. 2017 से मामले का ट्रायल शुरू हुआ था.
Ranchi court sentences former state minister Yogendra Sao, his wife Nirmala Devi for 10 years in connection with 2015 police firing case in Barkagaon, Hazaribagh. On March 22, the court had acquitted their (former minister Sao's) son
— ANI (@ANI) March 24, 2022
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