विशेष ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (पीएमएलए) अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया और कहा कि प्रथम दृष्टया इस बात के सबूत हैं कि वह कुर्ला में गोवावाला परिसर पर कब्जा करने के लिए अन्य के साथ सीधे और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश में शामिल थे.
बीते हफ्ते मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को चिकित्सकीय आधार पर अस्थायी जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी थी. अदालत ने मलिक को उस चिकित्सक के पास नहीं ले जाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार भी लगाई, जो शुरू से उनका (मलिक का) इलाज कर रहे हैं. मलिक ने दावा किया था कि वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं.
गौरतलब है कि ईडी ने मुंबई अंडरवर्ल्ड, भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहीम और उसके साथियों की गतिविधियों से जुड़े धन शोधन के एक मामले में 23 फरवरी को धन शोधन (निवारण) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था. वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं.
Special PMLA court took cognisance of ED's chargesheet against Maharashtra Min Nawab Malik& said there is prima facie evidence to indicate that he was directly &knowingly involved in money laundering & criminal conspiracy with others to usurp Goawala compound in Kurla
(File Pic) pic.twitter.com/wbguvEedu6
— ANI (@ANI) May 21, 2022
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