महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके पति विधायक रवि राणा को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज राणा दंपत्ति द्वारा दायर उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की अपील की गई थी. हालांकि कोर्ट ने दूसरे केस में निर्देश दिया है कि ऐसी कार्रवाई करने से पहले याचिकाकर्ताओं को 72 घंटे का नोटिस दिया जाना चाहिए.

रविवार को मुंबई की एक अदालत ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. हालांकि आज निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की है. राणा दंपत्ति को हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर उठे विवाद के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. मुंबई पुलिस ने नवनीत राणा को भायखला महिला जेल में रखा है, वहीं उनके पति एवं विधायक रवि राणा को नवी मुंबई के तलोजा जेल में रखा है.

राणा दंपत्ति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने राणा के आवास के आगे विरोध प्रदर्शन किया था. मुंबई पुलिस ने राणा दंपत्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और बाद में उसमें राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया. राणा दंपत्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 153 ए (अलग-अलग समुदायों के बीच धर्म, आदि के नाम पर विद्वेष उत्पन्न करना),धारा 34(सामान्य इरादे) और मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा-135 (पुलिस द्वारा लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने) का मामला दर्ज किया गया. बाद में इसमें 124-ए (राजद्रोह) की धारा भी जोड़ी गयी है.

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