एक मामले पर सुनवाई करते हुए उड़ीसा हाईकोर्ट (Orissa High Court) ने कहा कि पत्नी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पति के एक्ट्र-मैरिटल पार्टनर पर केवल इसलिए केस नहीं चला सकती क्योंकि वो दंपति के घर में रहती थी.  हाई कोर्ट ने कहा कि दोनों महिलाएं (पत्नी और विवाहेतर साथी) अधिनियम की धारा 2 (एफ) के अनुसार 'घरेलू संबंध' साझा नहीं करती हैं, क्योंकि वे केवल एक ही छत के नीचे रहती हैं.

कोर्ट ने कहा कि जब तक पार्टियों के बीच घरेलू संबंध नहीं होते हैं, धारा 2 (एस) के अनुसार एक ही घर में निवास मात्र 'साझा घर' की परिभाषा के दायरे में नहीं आएगा.

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