आंध्र प्रदेश: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल एफ14 (GSLV-F14) के जरिए मौसम वैज्ञानिक उपग्रह आईएनएसएटी-3डीएस  (INSAT-3DS) को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया है.

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क्यों मिला नॉटी बॉय नाम?

इसरो के मुताबिक, GSLV रॉकेट से यह 16वां मिशन है. इससे पहले 15 मिशनों को अंजाम दिया जा चुका है, जिनमें से सिर्फ चार मिशन ही फेल हुए हैं. GSLV रॉकेट की सफलता दर को देखते हुए ही इसे नॉटी बॉय नाम मिला है.

  • INSAT-3DS उपग्रह की विशेषताएं: इसका वजन 2,274 किलोग्राम है और इसका मिशन जीवन 10 साल है. यह उपग्रह 10 वर्षों तक मौसम में होने वाले हर बदलाव की सटीक जानकारी इसरो को प्रदान करता रहेगा.
  • लागत और निर्माण: इसकी कुल लागत 480 करोड़ रुपये है.
  • कक्षा और कार्यक्षेत्र: पीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से प्रक्षेपण के 18 मिनट बाद, INSAT-3DS उपग्रह को 36,647 किमी x 170 किमी की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में स्थापित हो गया. यह पहले लॉन्च किए गए उपग्रहों का तीसरा संस्करण है.
  • उपग्रह की क्षमताएं: यह उपग्रह, एक बार चालू हो जाने के बाद, जमीन और समुद्र दोनों पर उन्नत मौसम की जानकारी प्रदान करने में सक्षम होगा. इसके माध्यम से तूफान जैसी चरम मौसम घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा. इसके अलावा, जंगल की आग, बर्फ की चादर, धुआं और बदलते जलवायु के बारे में भी जानकारी उपलब्ध होगी.

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