सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, अधिवास या कंपनी का पंजीकरण बिल्कुल भी प्रासंगिक नहीं है, और निर्धारित परीक्षण वह स्थान है, जहां कंपनी के प्रबंधन और कंपनी के नियंत्रण का एकमात्र अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मानने के लिए कि एक गैर-भारतीय कंपनी किसी भी पिछले वर्ष के दौरान भारत में निवासी रही, इसके लिए यह स्थापित किया जाना चाहिए कि ऐसी कंपनी वास्तव में भारत में अपने मामलों को नियंत्रित और प्रबंधित करती है.
Income Tax Act | For A Company To Be A "Resident" In India, Domicile Or Registration Irrelevant; Test Is Where De Facto Control Lies : Supreme Court #SupremeCourt https://t.co/sSgtdWvNBa
— Live Law (@LiveLawIndia) April 11, 2023
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)