विवाह से इनकार करने पर भी फैमली कोर्ट मेडिकल परीक्षण का आदेश दे सकता है. आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने पति के पोटेंसी टेस्ट का आदेश दिया. हाल ही में एक नागरिक पुनरीक्षण याचिका में, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एक फैमली कोर्ट के पास किसी व्यक्ति को चिकित्सा परीक्षण कराने का आदेश देने की शक्ति है और यह तर्क नहीं दिया जा सकता है कि राहत केवल इसलिए नहीं दी जा सकती क्योंकि विवाह हुआ था.

याचिकाकर्ता के अनुसार, प्रतिवादी की नपुंसकता के कारण विवाह संपन्न नहीं हो सका. इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी की ओर से दुर्व्यवहार करने यानी उसे शारीरिक रूप से परेशान करने और अतिरिक्त दहेज लाने की मांग करने का भी आरोप लगाया. प्रतिवादी ने विवाह संपन्न कराने से इनकार करते हुए अपना प्रतिवाद दाखिल किया. उनके मुताबिक यह याचिका उन्हें पैसों के लिए ब्लैकमेल करने के लिए दायर की गई थी.

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