दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि यदि कोई पत्नी बिना किसी वैध कारण के अपने पति के परिवार के सदस्यों से अलग रहने पर जोर देती है, तो इसे क्रूरता का कार्य माना जा सकता है. जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने क्रूरता और परित्याग के आधार पर एक विवाह को भंग करते हुए यह टिप्पणी की, जब पत्नी ने यह भी संकेत दिया कि उसे तलाक पर कोई आपत्ति नहीं है.
कोर्ट ने कहा, '"भारत में हिंदू बेटे के लिए पत्नी के कहने पर शादी करने पर माता-पिता से अलग हो जाना कोई सामान्य प्रथा या वांछनीय संस्कृति नहीं है."
Wife insisting on living separately from husband's family without reasons is cruelty: Delhi High Court
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— Bar & Bench (@barandbench) August 23, 2023
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