बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरबीआई द्वारा जारी किए गए मास्टर सर्कुलर के प्रभाव पर रोक लगा दी है, जो बैंकों को 11 सितंबर तक सुनवाई के बिना किसी भी खाते को धोखाधड़ी खाता घोषित करने की अनुमति देता है. मास्टर सर्कुलर भारतीय दंड संहिता के आधार पर धोखाधड़ी का वर्गीकरण करता है. जब भी किसी धोखाधड़ी वाले खाते के खिलाफ ऐसी जांच शुरू की जाती है, Central Fraud Registry (CFR), उसके संबंध में जानकारी साझा करने के लिए बैंकों के पास उपलब्ध होती है.

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