Condom Addiction: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में युवाओं को लगी अजीब लत, नशा करने के लिए फ्लेवर्ड कंडोम का कर रहे हैं इस्तेमाल
कंडोम/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Unsplash)

Condom Addiction: आमतौर पर कंडोम (Condom) का इस्तेमाल सुरक्षित यौन संबंध (Sex Sex) बनाने के लिए किया जाता है, ताकि इससे अनचाहे गर्भ (Unwanted Pregnancy) और यौन संचारित रोगों (STD) के खतरे को कम किया जा सके, लेकिन क्या फ्लेवर्ड कंडोम (Flavoured Condom) का इस्तेमाल नशे में धुत्त (Intoxication) होने के लिए भी किया जा सकता है? दरअसल, इन दिनों पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दुर्गापुर (Durgapur) में रहने वाले छात्रों और युवाओं के बीच फ्लेवर्ड कंडोम की अचानक बढ़ी बिक्री ने स्थानीय दुकानदारों और निवासियों की चिंता बढ़ा दी है. कथित तौर पर दुर्गापुर के विभिन्न हिस्सों जैसे- दुर्गापुर सिटी सेंटर, बिधान नगर, बेनाचिती, मुचिपारा के सी जोन और ए जोन में कंडोम के इस्तेमाल में एकाएक वृद्धि हुई है.

News18 ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि दुर्गापुर में एक या दो दिन में कंडोम क्यों खत्म हो जा रहे हैं? जिज्ञासावश एक स्थानीय दुकानदार ने एक युवक से पूछताछ की जो कि उसका नियमित ग्राहक था. दुकानदार के पूछने पर शख्स ने कथित तौर पर कहा कि वो नशे के लिए नियमित तौर पर कंडोम खरीदता है. कंडोम से नशे की अजीबो-गरीब लत के बारे में सुनकर स्थानीय लोग बेहद हैरत में पड़ गए. यह भी पढ़ें: Global Condom Market: साल 2025 तक कंडोम के वैश्विक बाजार का आकर 3.70 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद: रिपोर्ट

कंडोम की लत क्या है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुदरा विक्रेता ने कहा कि पहले वह रोजाना सिर्फ 3 से 4 पैकेट बेचता था, लेकिन अब दुकान में आते ही उसका पूरा स्टॉक देखते ही देखते खत्म हो जाता है. कंडोम की बिक्री में अचानक हुई वृद्धि ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि लोग नशे में धुत होने के लिए आखिर कंडोम का इस्तेमाल कैसे करते हैं? मीडिया आउटलेट News18 के अनुसार, एक स्कूल के केमेस्ट्री टीचर नूरुल हक (Nurul Haque) ने स्पष्ट किया कि कंडोम को गर्म पानी में लंबे समय तक भिगोने से नशा होता है, क्योंकि बड़े कार्बनिक अणु अल्कोहल यौगिकों में टूट जाते हैं.

वहीं इस मामले में अस्पताल में काम करने वाले एक अन्य व्यक्ति ने अजीबो-गरीब जवाब दिया. अस्पताल कर्मचारी धीमान मंडल की मानें तो कंडोम में सुगंधित यौगिक होते हैं, जो अल्कोहल बनाने के लिए टूट जाते हैं और इससे नशा होता है. यह सुगंधित यौगिक डेंड्राइट गोंद में भी पाया जाता है. कई लोग नशे के लिए डेंड्राइट का भी इस्तेमाल करते हैं.

बहरहाल, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अब तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है. दरअसल, उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि वे ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकते हैं, क्योंकि भारतीय दंड संहिता में इस मसले को हल करने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है.