शिमला: पेड़-पौधों (Tress and Plants) और जंगलों (Forest) की लगातार हो रही अंधाधुंध कटाई पर्यावरण (Environment) के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) के लिए आगे आना और पेड़-पौधों को कटने से बचाना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक सकारात्मक पहल करने की कोशिश की है. हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) 'मुख्यमंत्री हरित विद्यालय मुहिम' (Chief Minister Harit Vidyalaya Campaign) शुरु करने जा रही है और इस मुहिम में राज्य के सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूल भागीदार बनेंगे. इस मुहिम के तहत राज्य के सभी स्कूलों में 10 दिन के भीतर 1 लाख 29 हजार 695 पौधे लगाए जाएंगे और स्कूलों में ग्रीन कैंपस बनाए जाएंगे.
इस अभियान के तहत सभी स्कूलों को पौधे लगाने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि राज्य के जो स्कूल पौधे लगाएंगे और उनका संरक्षण करेंगे, उन्हीं स्कूलों को दोबारा मान्यता दी जाएगी. इसके मुताबिक, राज्य के प्राइमरी और मिडल स्कूल को 5-5, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 10-10 पौधे लगाने होंगे. इस अभियान की शुरुआत 7 अगस्त 2019 को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज (Education Minister Suresh Bharadwaj) करेंगे और 17 अगस्त को धर्मशाला में इस दस दिवसीय मुहिम का समापन किया जाएगा. यह भी पढ़ें: World Environment Day 2019: पर्यावरण के लिए घातक और विनाशकारी साबित हो रही हैं ये चीजें, इन पर लगाम लगाना है बेहद जरूरी
किस स्कूल में लगाए जांएगें कितने पौधे?
हिमाचल प्रदेश में महज दस दिनों में 1 लाख 29 हजार 695 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यहां 10,520 प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें इस अभियान के तहत 52,600 पौधे लगाए जाएंगे, जबकि यहां 2531 मिडल स्कूल हैं, जिनमें 12,655 पौधे लगाए जाएंगे. वहीं प्रदेश के 929 हाई स्कूलों में 9290 पौधे रोपे जाएंगे. 1861 सीनियर सेकेंडरी स्कूलो में 18,610 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है. बोर्ड से मान्यता प्राप्त करीब 1222 प्राइवेट स्कूलों में 12,220 पौधे लगाए जाएंगे, इसके अलावा 2432 अन्य प्राइवेट स्कूलों में 24320 पौधे लगाए जाएंगे.
स्कूल में ग्रीन कैंपस होगा तो मिलेगी दोबारा मान्यता
हिमाचल प्रदेश सरकार के इस अभियान में सरकारी और निजी स्कूलों को शामिल किया गया है. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूलों को दोबारा मान्यता तभी मिलेगी जब उनके स्कूल में ग्रीन कैंपस होगा. इस अभियान के तहत पेड़ लगाने और उन्हें बचाने वाले स्कूलों को ही दोबारा मान्यता दी जाएगी. इसका मतलब यह है कि स्कूल ने कितने पौधे लगाए और उनमें से कितने पौधे बचे हैं, इसका रिकॉर्ड भी देना होगा. इस मुहिम के तहत स्कूलों में जितने भी पौधे लगाए जाएंगे, उनकी देखभाल और संरक्षण का जिम्मा स्कूल के प्रिंसिपल का होगा. यह भी पढ़े: International Day of Forests 2019: क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय वन दिवस, जानिए कैसे जंगलों की लगातार घटती संख्या बन रही है पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती
इस अभियान को लेकर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि वृक्षारोपण, पौधे लगाना क्यों जरूरी है, हरियाली के क्या फायदे हैं और पर्यावरण का संरक्षण करना क्यों जरूरी है, इसके बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता लाने की कोशिश की जाएगी.