सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील संजय हेगड़े ने हाल ही में एक फेक प्रेस रिलीज़ साझा की, जिसे उन्होंने बाद में हटा लिया. यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया जब उन्होंने अदानी ग्रुप से संबंधित एक मीडिया रिलीज़ को अपने X (पहले ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट किया. इस फेक दस्तावेज़ में अदानी ग्रुप पर केन्या में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे और इसमें यह भी कहा गया था कि अगर विरोध जारी रहे तो कंपनी उन सरकारी शेयरधारकों के नाम उजागर करेगी जिन्होंने रिश्वत ली है.
अडानी ग्रुप का फर्जी प्रेस रिलीज वायरल
संजय हेगड़े ने इस प्रेस रिलीज़ में एक अंश को हाईलाइट करते हुए लिखा, "किस बेवकूफ ने यह प्रेस रिलीज़ ड्राफ्ट की है? क्या आपको एहसास है कि आप घूस देने की बात स्वीकार कर रहे हैं?" हालांकि, यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि यह दस्तावेज़ फर्जी था. पत्रकार और फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर ने इस प्रेस रिलीज़ को फेक करार दिया और इसे सोशल मीडिया पर फर्जी खबर के रूप में उजागर किया.
हेगड़े ने हटाई पोस्ट
संजय हेगड़े ने अपनी मूल पोस्ट को हटा लिया, लेकिन बाद में एक नई पोस्ट में कहा, "मैं अदानी ग्रुप से किसी स्पष्टीकरण या खंडन का इंतजार कर रहा था, लेकिन अब कई लोग कह रहे हैं कि यह पत्र फर्जी है. जब तक इस पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं हो जाती, मैंने इसे अस्थायी रूप से हटा दिया है."
Fake News! #Adani pic.twitter.com/U3JxBaaMef
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) September 16, 2024
अदानी ग्रुप का कोई आधिकारिक बयान नहीं
अदानी ग्रुप ने इस मामले पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है. हालांकि, इस फेक रिलीज़ के बाद कंपनी की ओर से किसी नई घोषणा की जानकारी नहीं दी गई है. अदानी एनर्जी की अंतिम बड़ी घोषणा महाराष्ट्र राज्य डिस्कॉम से एक अक्षय ऊर्जा परियोजना के लिए पत्र की मंजूरी के बारे में थी.
Have been waiting for a clarification or denial from @AdaniOnline but nothing so far. However many people say the letter is fake. Till the authenticity is confirmed @zoo_bear, I will temporarily delete the original tweet. pic.twitter.com/ylIuhtTFfz
— SANJAY HEGDE (@sanjayuvacha) September 16, 2024
फर्जी खबरों से सावधान रहने की जरूरत
इस घटना से यह साफ हो जाता है कि इंटरनेट के दौर में फर्जी खबरें और दस्तावेज़ तेजी से फैलाए जा सकते हैं. सोशल मीडिया पर मौजूद कंटेंट को सत्यापित करना बेहद जरूरी हो गया है, ताकि लोगों को गलत जानकारी का शिकार न होना पड़े.