Bihar: हमें एक भी सांप दिखा जाएं तो हमारी सांस हलक में अटक जाती है, लेकिन देश में एक जगह ऐसी ही जहां सैकडों सांपों के साथ महिलाएं, युवा और बच्चे खेलते हुए नजर आते है. हर किसी के हाथ में इस दौरान सांप ही सांप दिखाई देते है. ये सांपो का मेला बिहार के समस्तीपुर में लगता है. बताया जाता है की करीब 300 वर्षो से ये सांपों का मेला लगता है.
कृष्ण पक्ष की नागपंचमी पर ये मेला लगता है. गंडक नदी में डुबकी लगाकर लोग हाथों में और मुंह में सांप लेकर ही निकलते है.मान्यता है कि नदी से बाहर निकाले गए सांपों को ले जाकर मंदिर में पूजा करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है. गुरुवार को लगे इस अद्भुत मेले को देखने कई राज्यों के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे. ये भी पढ़े :Varanasi: ‘भोलेनाथ को सांपो के जहर का सौदागर पसंद नहीं’,एल्विश यादव के खिलाफ बीजेपी नेता ने वाराणसी में लगाएं पोस्टर (Watch Video)
देखें वीडियो :
Samastipur 🫡
— Bihar_se_hai (@Bihar_se_hai) July 26, 2024
समस्तीपुर में नागपंचमी पर लगा अनोखा सांपों का मेला। बड़े से लेकर छोटे तक, गले में सांपों की माला बनाकर घूमते लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।#Samastipur #Bihar #viral_video #Nagpanchmi #India pic.twitter.com/6WvMy4zaJX
— Govind singh (@GOVINDK74545983) July 26, 2024
विभूतिपुर थाना क्षेत्र के सिंघिया घाट में लगने वाले सांपों के मेले का इतिहास काफी लंबा है. 300 साल से मेला लगातार लग रहा है. नागपंचमी पर हर साल लगने वाले मेले की शुरुआत में भक्त सिंघिया बाजार स्थित मां भगवती के मंदिर से पूजा अर्चना कर ढोल ताशे के साथ बूढ़ी गंडक नदी पहुंचते हैं.
मेले की तैयारी में लोग पहले से ही जुट जाते हैं. महीनों पहले से ही सांपों के पकड़ने का सिलसिला शुरू होता है. आसपास के जंगलों से लोग सांपों को पकड़ते हैं.
सांपों के इस मेले को मिथिला का प्रसिद्ध मेला माना जाता है. गहवरों में बिषहरा की पूजा होती है. महिलाएं अपने वंश वृद्धि की कामना को लेकर नागदेवता की विशेष पूजा करती हैं. इस मेले में सभी के हाथों में सांप ही सांप दिखाई देते है. इस मेले का आयोजन केवल समस्तीपुर में ही होता है.