Half Human, Half Fish: 300 साल पुरानी 'मरमेड ममी' की वैज्ञानिक कर रहे हैं जांच, देखें वीडियो

इंसान जैसा दिखने वाला लेकिन लंबी मछली जैसी पूंछ वाला एक चकित करने वाला ममीकृत प्राणी अब जापानी वैज्ञानिकों द्वारा जांचा जा रहा है. कहा जाता है कि जापान (Japan) के होंशू द्वीप (Honshu Island) में ओकायामा प्रान्त (Okayama prefecture) के असाकुची शहर (Asakuchi city) में एक मंदिर में संरक्षित, जीव को लगभग 300 साल पहले शिकोकू द्वीप (Shikoku Island) के पास प्रशांत महासागर से पकड़ा गया था.

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इंसान जैसा दिखने वाला लेकिन लंबी मछली जैसी पूंछ वाला एक चकित करने वाला ममीकृत प्राणी अब जापानी वैज्ञानिकों द्वारा जांचा जा रहा है. कहा जाता है कि जापान (Japan) के होंशू द्वीप (Honshu Island) में ओकायामा प्रान्त (Okayama prefecture) के असाकुची शहर (Asakuchi city) में एक मंदिर में संरक्षित, जीव को लगभग 300 साल पहले शिकोकू द्वीप (Shikoku Island) के पास प्रशांत महासागर से पकड़ा गया था.

वायरल Snehlata Chaurasia|
Half Human, Half Fish: 300 साल पुरानी 'मरमेड ममी' की वैज्ञानिक कर रहे हैं जांच, देखें वीडियो
मरमेड ममी (Photo Credits: YouTube)

इंसान जैसा दिखने वाला लेकिन लंबी मछली जैसी पूंछ वाला एक चकित करने वाला ममीकृत प्राणी अब जापानी वैज्ञानिकों द्वारा जांचा जा रहा है. कहा जाता है कि जापान (Japan) के होंशू द्वीप (Honshu Island) में ओकायामा प्रान्त (Okayama Prefecture) के असाकुची शहर (Asakuchi city) में एक मंदिर में संरक्षित, जीव को लगभग 300 साल पहले शिकोकू द्वीप (Shikoku Island) के पास प्रशांत महासागर से पकड़ा गया था. मर्मेड के आकार का यह जीव सिर्फ 12 इंच लंबा है. ऐसा प्रतीत होता है कि बाल, दांत, नाखून और निचले शरीर में पूंछ हैं. यह भी पढ़ें: Mummy With a Golden Tongue: मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में खुदाई के दौरान मिली सुनहरी जीभ वाली 2 हजार साल पुरानी ममी

प्रमुख जापानी समाचार आउटलेट असाही शिंबुन के अनुसार, मरमेड ममी एक बॉक्स के अंदर दिखाई दी. यह एक नोट के साथ आया था जिसमें कहा गया था कि जीव 1736 और 1741 के बीच समुद्र में पकड़ा गया था और पीढ़ियों से परिवारों द्वारा रखा गया, अंततः इसे मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां यह 40 वर्षों से अधिक समय तक रहा. वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि क्या वे उस प्रजाति के वर्ग को समझने के लिए जीव की उत्पत्ति का पता लगा सकते हैं, जिससे वह वास्तव में संबंधित है. कुराशिकी विज्ञान विश्वविद्यालय और कला के पशु चिकित्सालय में ममी का सीटी स्कैन सक्षम अध्ययन (CT scan enabled) चल रहा है.

यह प्राणी तब प्रकाश में आया जब ओकायामा लोकगीत सोसाइटी के हिरोशी किनोशिता ने इस पर ध्यान दिया, जब कियोकी सातो (Kiyoaki Sato) नामक एक जापानी प्राकृतिक इतिहासकार (natural historian) काम कर रहा था, जिसने ऐसे रहस्यमय प्राणियों का अध्ययन किया था. स्थानीय मान्यता में यह दावा भी शामिल है कि ममी का मांस चखने से व्यक्ति अमर हो सकता है. किशोशिता ने एक अमेरिकी समाचार आउटलेट को बताया कि "जापानी मरमेड को लेकर ऐसी किंवदंती है कि अगर तुम मरमेड का मांस खाओगे तो तुम कभी नहीं मरोगे."

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    इंसान जैसा दिखने वाला लेकिन लंबी मछली जैसी पूंछ वाला एक चकित करने वाला ममीकृत प्राणी अब जापानी वैज्ञानिकों द्वारा जांचा जा रहा है. कहा जाता है कि जापान (Japan) के होंशू द्वीप (Honshu Island) में ओकायामा प्रान्त (Okayama prefecture) के असाकुची शहर (Asakuchi city) में एक मंदिर में संरक्षित, जीव को लगभग 300 साल पहले शिकोकू द्वीप (Shikoku Island) के पास प्रशांत महासागर से पकड़ा गया था.

    वायरल Snehlata Chaurasia|
    Half Human, Half Fish: 300 साल पुरानी 'मरमेड ममी' की वैज्ञानिक कर रहे हैं जांच, देखें वीडियो
    मरमेड ममी (Photo Credits: YouTube)

    इंसान जैसा दिखने वाला लेकिन लंबी मछली जैसी पूंछ वाला एक चकित करने वाला ममीकृत प्राणी अब जापानी वैज्ञानिकों द्वारा जांचा जा रहा है. कहा जाता है कि जापान (Japan) के होंशू द्वीप (Honshu Island) में ओकायामा प्रान्त (Okayama Prefecture) के असाकुची शहर (Asakuchi city) में एक मंदिर में संरक्षित, जीव को लगभग 300 साल पहले शिकोकू द्वीप (Shikoku Island) के पास प्रशांत महासागर से पकड़ा गया था. मर्मेड के आकार का यह जीव सिर्फ 12 इंच लंबा है. ऐसा प्रतीत होता है कि बाल, दांत, नाखून और निचले शरीर में पूंछ हैं. यह भी पढ़ें: Mummy With a Golden Tongue: मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में खुदाई के दौरान मिली सुनहरी जीभ वाली 2 हजार साल पुरानी ममी

    प्रमुख जापानी समाचार आउटलेट असाही शिंबुन के अनुसार, मरमेड ममी एक बॉक्स के अंदर दिखाई दी. यह एक नोट के साथ आया था जिसमें कहा गया था कि जीव 1736 और 1741 के बीच समुद्र में पकड़ा गया था और पीढ़ियों से परिवारों द्वारा रखा गया, अंततः इसे मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां यह 40 वर्षों से अधिक समय तक रहा. वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि क्या वे उस प्रजाति के वर्ग को समझने के लिए जीव की उत्पत्ति का पता लगा सकते हैं, जिससे वह वास्तव में संबंधित है. कुराशिकी विज्ञान विश्वविद्यालय और कला के पशु चिकित्सालय में ममी का सीटी स्कैन सक्षम अध्ययन (CT scan enabled) चल रहा है.

    यह प्राणी तब प्रकाश में आया जब ओकायामा लोकगीत सोसाइटी के हिरोशी किनोशिता ने इस पर ध्यान दिया, जब कियोकी सातो (Kiyoaki Sato) नामक एक जापानी प्राकृतिक इतिहासकार (natural historian) काम कर रहा था, जिसने ऐसे रहस्यमय प्राणियों का अध्ययन किया था. स्थानीय मान्यता में यह दावा भी शामिल है कि ममी का मांस चखने से व्यक्ति अमर हो सकता है. किशोशिता ने एक अमेरिकी समाचार आउटलेट को बताया कि "जापानी मरमेड को लेकर ऐसी किंवदंती है कि अगर तुम मरमेड का मांस खाओगे तो तुम कभी नहीं मरोगे."

    उत्पत्ति का एक दावा यह है भी है कि यह एक धोखा हो सकता है और जीव यूरोप को निर्यात करने के लिए शो का एक लेख हो सकता है, WION ने बताया. वैज्ञानिकों के निष्कर्ष इस वर्ष के अंत में प्रकाशित होने की उम्मीद है.

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    प्रमुख जापानी समाचार आउटलेट असाही शिंबुन के अनुसार, मरमेड ममी एक बॉक्स के अंदर दिखाई दी. यह एक नोट के साथ आया था जिसमें कहा गया था कि जीव 1736 और 1741 के बीच समुद्र में पकड़ा गया था और पीढ़ियों से परिवारों द्वारा रखा गया, अंततः इसे मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां यह 40 वर्षों से अधिक समय तक रहा. वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि क्या वे उस प्रजाति के वर्ग को समझने के लिए जीव की उत्पत्ति का पता लगा सकते हैं, जिससे वह वास्तव में संबंधित है. कुराशिकी विज्ञान विश्वविद्यालय और कला के पशु चिकित्सालय में ममी का सीटी स्कैन सक्षम अध्ययन (CT scan enabled) चल रहा है.

    यह प्राणी तब प्रकाश में आया जब ओकायामा लोकगीत सोसाइटी के हिरोशी किनोशिता ने इस पर ध्यान दिया, जब कियोकी सातो (Kiyoaki Sato) नामक एक जापानी प्राकृतिक इतिहासकार (natural historian) काम कर रहा था, जिसने ऐसे रहस्यमय प्राणियों का अध्ययन किया था. स्थानीय मान्यता में यह दावा भी शामिल है कि ममी का मांस चखने से व्यक्ति अमर हो सकता है. किशोशिता ने एक अमेरिकी समाचार आउटलेट को बताया कि "जापानी मरमेड को लेकर ऐसी किंवदंती है कि अगर तुम मरमेड का मांस खाओगे तो तुम कभी नहीं मरोगे."

    उत्पत्ति का एक दावा यह है भी है कि यह एक धोखा हो सकता है और जीव यूरोप को निर्यात करने के लिए शो का एक लेख हो सकता है, WION ने बताया. वैज्ञानिकों के निष्कर्ष इस वर्ष के अंत में प्रकाशित होने की उम्मीद है.

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