Fact Check: क्या महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद समृद्धि एक्सप्रेसवे पर पानी भर गया? NH-548C रैंप और अंडरपास पर जलभराव के वायरल वीडियो की जानें सच्चाई
फेक न्यूज (Photo: X|@INCKerala)

मुंबई, 30 जून: महाराष्ट्र में मेहकर इंटरचेंज के पास पानी में डूबे वाहनों को दिखाने वाला एक वायरल वीडियो ने व्यापक दावे किए हैं कि भारी बारिश के दौरान हाल ही में शुरू किए गए समृद्धि एक्सप्रेसवे में बाढ़ आ गई थी. एक वीडियो में हाईवे पर बारिश का पानी बहता हुआ दिखाई दिया. दूसरे वीडियो में कई वाहन बाढ़ वाली सड़क पर फंसे हुए दिखाई दिए. कई एक्स यूजर्स ने बाढ़ वाली सड़क का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया कि यह समृद्धि एक्सप्रेसवे है. यह वीडियो केरल कांग्रेस के एक्स पेज पर भी दिखाई दिया. "समृद्धि एक्सप्रेसवे ₹55,000 करोड़ की मामूली लागत से बनाया गया था. मानसून के दौरान, यह समृद्धि नदी में बदल जाता है. बारिश के दिनों में केवल नावों को ही अनुमति दी जाएगी. नावों और नौकाओं के लिए टोल दरों की घोषणा जल्द ही @nitin_gadkari द्वारा की जाएगी," केरल कांग्रेस ने लिखा. यह भी पढ़ें: VIDEO: ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने ईरान पर हमले को लेकर ट्रंप को लताड़ा? जानें वायरल वीडियो की असली सच्चाई

तो क्या महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद समृद्धि एक्सप्रेसवे पर वाकई बाढ़ आ गई? नहीं. समृद्धि एक्सप्रेसवे भारी बारिश में डूबा नहीं. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, बाढ़ एक्सप्रेसवे पर नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग 548C के कनेक्टिंग रैंप पर आई, जो एलिवेटेड समृद्धि कॉरिडोर के नीचे से गुजरता है. महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC), जिसने एक्सप्रेसवे और आस-पास के राजमार्ग खंड दोनों का विकास किया, ने स्पष्ट किया कि मुख्य समृद्धि कैरिजवे पूरी तरह से सूखा और चालू है. MSRDC के प्रबंध निदेशक अनिलकुमार गायकवाड़ ने कहा, "बाढ़ NH-548C के अंडरपास में आई, एक्सप्रेसवे पर नहीं. समृद्धि के मुख्य हिस्से में तीव्र मानसून गतिविधि को संभालने के लिए व्यापक वायडक्ट, तटबंध और जल निकासी व्यवस्था बनाई गई है."

देखें वायरल फर्जी पोस्ट

अधिकारियों ने माना कि प्रभावित जंक्शन राष्ट्रीय राजमार्ग के मौजूदा निचले हिस्से पर बनाया गया था और जल निकासी डिजाइन में खामियां थीं. हालांकि समृद्धि महामार्ग को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया गया था, जिसकी लंबाई 701 किलोमीटर थी और इसकी डिजाइन गति 150 किमी/घंटा थी, लेकिन यह घटना इसके सहायक बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और तैयारियों में गंभीर खामियों को उजागर करती है.