मुंबई, 24 जनवरी: ज़रा सोचिए, अगर आपका स्कूल या कॉलेज आपके लिए वेलेंटाइन डे पर अपने बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड को कॉलेज में प्रवेश करने और क्लास में भाग लेने के लिए अनिवार्य कर दे तो कैसा महसूस होगा? सच होने के लिए बहुत अच्छा लगता है लेकिन ओडिशा के जगतसिंहपुर में एसवीएम ऑटोनॉमस कॉलेज में ठीक ऐसा ही हुआ, जहां "प्रिंसिपल के एक नोटिस ने छात्राओं को वेलेंटाइन डे से पहले बॉयफ्रेंड बनाने का आदेश दिया". देखते ही देखते यह नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह पता चला कि नोटिस फर्जी था और ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था. यह भी पढ़ें: Fake News: फर्जी खबर पर रोक लगाने के लिए सरकार बना सकती है नए आईटी नियम, आम जनता से भी मांगी गई राय
जिस नोटिस में छात्राओं को बॉयफ्रेंड बनाने का "आदेश" दिया गया था, उस पर प्रिंसिपल के हस्ताक्षर भी थे. कथित तौर पर, वायरल नोटिस में एक निर्देश था कि लड़कियों को कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी यदि वे 14 फरवरी से पहले अपने लिए बॉयफ्रेंड का चयन नहीं करती हैं, यह कहते हुए कि कक्षाओं में भाग लेने के लिए पात्र होने के लिए, छात्राओं को न केवल बॉयफ्रेंड बनाना होगा लेकिन उन्हें अपनी योग्यता की पुष्टि के लिए प्रिंसिपल के कार्यालय में अपने बॉयफ्रेंड की तस्वीरें भी जमा करनी होंगी.
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कॉलेज की छात्रा रश्मिता बेहरा ने कहा, 'हम सभी ने वायरल नोटिस देखा है. यह वास्तविक नहीं लगता. कुछ असामाजिक तत्वों ने फर्जी नोटिस वायरल कर दिया है. इससे हमारे कॉलेज का नाम बदनाम हुआ है. हमारे प्रिंसिपल एक अच्छे इंसान हैं और हमें नहीं लगता कि उन्होंने ऐसा कुछ किया होगा. इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य बिजय पात्रा ने प्राथमिकी दर्ज करायी है.
उन्होंने अपने द्वारा जारी किए गए ऐसे किसी नोटिस से भी इनकार किया है. “नोटिस मेरे द्वारा जारी नहीं किया गया है. जिस लेटरहेड पर वायरल नोटिस छपा है, वह फर्जी है. इसमें न तो कॉलेज का कॉन्टैक्ट नंबर है और न ही नाम सही क्रम में है.
पात्रा ने कहा, "मैंने पहले ही इस संबंध में पुलिस शिकायत दर्ज करा दी है और कानून के अनुसार अपराधी को सजा देने की मांग की है."