आज स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि (Swami Vivekanad Punyatithi 2022) है, आज ही के दिन 4 जुलाई को 39 वर्ष की आयु में उनकी आसमयिक मृत्यु हुई थी. स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में वेदांत और योग के दर्शन को दुनिया के सामने पेश किया, पीढ़ी दर पीढ़ी प्रेरणा देते रहे हैं. उन्हें हिंदू भिक्षु के रूप में जाना जाता है. स्वामी विवेकानंद ने भारत के प्राचीन विश्वास के बारे में दुनिया के दृष्टिकोण को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 19वीं सदी के रहस्यवादी श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की. ये संस्थान भारत और दुनिया के कई हिस्सों में धर्मार्थ और शैक्षिक कार्य चलाते हैं.
युवा भिक्षु वेदांत की शिक्षाओं को सार्वभौमिक व्याख्या देकर आगे बढ़ाने में सफल रहे. उन्होंने राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, ज्ञान योग, माई मास्टर, कोलंबो से अल्मोड़ा तक व्याख्यान आदि पुस्तकों में अपने विचार लिखकर भारत की प्राचीन योग अवधारणा पर भी प्रकाश डाला. दुर्भाग्य से 39 वर्ष की अल्पायु में उनकी असामयिक मृत्यु (4 जुलाई, 1902) ने एक शून्य पैदा कर दिया. लेकिन वे आज भी लाखों युवाओं के युवा प्रतीक बने हुए हैं. इसलिए आज, उनकी पुण्यतिथि (पुण्यतिथि) पर, यहां उनके कुछ कोट्स पर एक नज़र डालते हैं जो जीवन के आवश्यक सबक हैं.
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1897 को कोलकाता में हुआ था और उनके जन्म के समय उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था. साधु बनने के बाद उनका नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा. 4 जुलाई, 1902 को 39 वर्ष की अल्पायु में उनका निधन हो गया. ऐसा माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने 04 जुलाई, 1902 को 20:50 बजे महासमाधि प्राप्त की थी, जब वे अपने कमरे में ध्यान कर रहे थे.