Shrawan Maas 2021: श्रावण मास के शनिवार महत्व! इन 6 उपाय को करने से दूर होते हैं सारे संकट!
भगवान शिव (Photo Credits: Pixabay)

यूं तो श्रावण मास का हर दिन खास होता है, क्योंकि यह पूरा मास भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार श्रावण मास के शनिवार का दिन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. ये तीनों दिन किसी ना किसी रूप से भगवान शिव से संबद्ध होते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को शनि एवं गुरु का शिष्य माना जाता है. जिस तरह भगवान शिव भूत-प्रेतों पर नियंत्रण रखते हैं, उसी तरह से भगवान शनि देव भी अच्छे एवं बुरे व्यक्तियों का लेखा-जोखा रखते हैं, और उसे उसके कर्मों के अनुरूप दण्ड अथवा आशीर्वाद देते हैं. इसके अलावा इस मास में ऊर्जा की भी बहुत कमी होती है, जिससे यह माह आलस्य, नींद व्यक्ति पर हावी रहती है, इसकी वजह है वर्षाऋतु में सूर्य का कमजोर पड़ना. अकसर देखा जाता है कि इस माह सेहत के साथ आय के स्त्रोत भी कमजोर पड़ते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रावण मास के प्रत्येक शनिवार को भगवान शिव एवं शनि देव की विशिष्ठ पूजा किया जाये तो धन प्राप्ति की संभावना बलवती होती है. नौकरी, व्यवसाय को गति मिलती है, जिससे आय के स्त्रोत बढ़ते हैं. आइये जानें कि श्रावण के हर सोमवार को क्या उपाय अमल में लाएं कि तमाम संकट खत्म हों और जीवन खुशहाल बने.

* लिंग पुराण के अनुसार श्रावण के प्रत्येक शनिवार को पीपल वृक्ष का स्पर्श करके मनुष्य दीर्घायु होता है. इसके साथ ही 108 बार पंक्षासर मंत्र का जाप करना चाहिए, इससे अकाल मृत्यु का भय कम होता है.

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय|

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय|

* श्रावण में भगवान शिव की पूजा तो हर दिन करनी ही चाहिए, लेकिन श्रावण के शनिवार को भगवान शनिदेव का पूजा करने से व्यक्ति किसी भी तरह के संकट से मुक्ति पा सकता है. मान्यता है कि भगवान शिव और शनि देव अमुक कष्ट को खत्म कर जीवन को सुखमय बनाते हैं. यह भी पढ़ें : Azadi Ka Amrit Mahotsav 2021: वो भारतीय वीरांगना जिसने पहली बार विदेश में फहराया भारतीय तिरंगा! कौन थीं वे? जानें चौंकानेवाले कुछ रोचक तथ्य!

* इस दिन शिव मंदिर में घी का दीप प्रज्जवलित करें, और पीपल को सरसों के तेल का दीप प्रज्जवलित कर जल अर्पित करें, नौकरी एवं रोजगार में बरक्कत होती है, तथा मानसिक क्लेष समाप्त हो सकता है.

* श्रावण के किसी एक शनिवार के दिन भगवान शनि के सामने लोहबान जलाएं एवं बरगद का पत्ता चढ़ायें. इसके साथ ही इमरती अर्पित करते हुए निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें. पूजा सम्पन्न होने के बाद सारी इमरती गाय को खिला दें. ऐसा करने बुरे ग्रह एवं बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है.

* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्रावण मास में किसी भी तरह की ऊर्जा की कमी होती है. इसलिए इस दरम्यान आम व्यक्ति को स्वास्थ्य और धन की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए श्रावण मास के शनिवार के दिन शनि देव का अनुष्ठान कराने से सारे समस्याओं का समाधान हो सकता है. यही वजह है कि श्रावण के शनिवार को संपत शनिवार के नाम से भी जाना जाता है.

* 14 अगस्त शुक्ल षष्ठी के दिन स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा है. स्कंद पुराण के अनुसार श्रावण मास में शनिवार के दिन नृसिहं, शनि एवं अंजनी पुत्र हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए. तथा तीनों देव का तेलाभिषेक करने के साथ नर्सिंह भगवान को उड़द की खिचड़ी, हनुमान जी को गुड़ एवं चना तथा शनि देव को खजला का भोग चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से शनि की साढ़े साती हलकी पड़ती है, और आर्थिक स्त्रोत बढ़ते हैं.