शुक्रवार विशेष: सिंदूर से करें माता लक्ष्मी को प्रसन्न, दुख और दरिद्रता से मिलेगी मुक्ति
लक्ष्मी माता (Photo Credit: YouTube)

‘सिंदूर’ (Sindoor) सुहागन महिला (Married Woman) का प्रथम श्रृंगार होता है. वह सिंदूर ही है जो उसे सुहागन बनाता है. इसलिए हर महिला के लिए सिंदूर का विशेष महत्व होता है. इसी तरह सनातन धर्म में भी देवी-देवताओं की पूजा बिना सिंदूर के पूरा नहीं माना जाता. अक्सर महिलाएं सिंदूर से अपनी मांग सजाती हैं. लेकिन इसी सिंदूर को आप कुछ इस तरह प्रयोग करें तो आप अपनी समस्त समस्याएं खुद-ब-खुद मिटा सकते हैं. मान्यता है कि सिंदूर और तेल के प्रयोग से माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) प्रसन्न होती हैं. माता लक्ष्मी का आशीर्वाद का आशय यही कि आपकी सारी विपत्तियों का समाधान हो जाता है.

ऐसी भी मान्यता है कि अगर आप अपने घर के मुख्य दरवाजे पर सिंदूर और तेल का तिलक लगाते हैं, तो धन की देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा के पात्र आप बन सकते हैं. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से लिपटी हुई गणेश जी की प्रतिमा रखने से भी घर में सुख एवं शांति की वर्षा होती है और आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

वास्तु दोष दूर करें

अगर आपके घर में किसी तरह का वास्तु दोष है, और उस वजह से आप और आपका परिवार अशांत और अभाव के दौर से गुजर रहा है तो घर के मुख्य दरवाजे पर तेल और सिंदूर का लेप से स्वास्तिक बनाएं. स्वास्तिक लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है, इससे आपके घर के सारे वास्तु दोष दूर होंगे और लक्ष्मी जी की कृपा से सुख एवं समृद्धि पूर्ण जीवन बिता सकेंगे.

आर्थिक संकट से परेशान हैं तो ये करें

अक्सर देखा गया है कि बहुत सारे लोग अपने सामर्थ्य से ज्यादा और पूरी ईमानदारी से कार्य करने के पश्चात भी अभावों एवं कष्टों से जीवन गुजार रहे होते हैं, अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा हो रहा है तो आप एक एकाक्षी नारियल पर सिंदूर लगाकर उसे लक्ष्मी जी के सामने रखकर उसकी विधिवत पूजा-अर्चना कर नारियल को लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी अथवा वहां रखें, जहां आप अपनी कमाई की आय रखते हैं. इसका परिणाम आप शीघ्र ही देखेंगे. आप समस्त कठिनाइयों से तो पार पाते ही हैं, साथ ही लक्ष्मी जी की विशेष कृपा आप पर बरसती है.

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए

अगर आपका वैवाहिक जीवन संतोषजनक नहीं बीत रहा है, तो आप (पत्नी) प्रातःकाल उठकर अपने बालों को धोकर माता लक्ष्मी अथवा गौरी को सिंदूर अर्पित करें. फिर उसी सिंदूर का चुटकी भर हिस्सा अपनी मांग में भरें. मान्यता है कि ऐसा करने से माता भगवती अथवा लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. ऐसा करने से आपकी सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं. यह भी पढ़ें: क्या है शिवलिंग? क्यों की जाती है इसकी अधूरी परिक्रमा! आइए जानें

नवरात्रि पर दुर्गा जी को सिंदूर चढ़ाएं

चैत्रीय नवरात्रि के दशमी के दिन जब मां दुर्गा की विदाई होती है तो उनके चरणों के सिंदूर को स्वयं की मांग में भरें साथ ही वहां उपस्थित दूसरी सुहागनों की मांगों में भी भरें. मान्यता है कि ऐसा करने से आप पर माता दुर्गा और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है. आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और आप दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करते हैं.

सूर्य-मंगल की शांति के लिए

अगर आपकी राशि अथवा आपके जीवन में सूर्य एवं मंगल की महादशा चल रही है तो आप माता लक्ष्मी के नाम पर चुटकी भर सिंदूर लेकर उसे नदी के बहाव में प्रवाहित कर माता लक्ष्मी और भगवती का ध्यान करें, इससे ग्रहों की महादशा का प्रभाव थोडा कम होता है. मंगल की महादशा से बचने के लिए सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी को अर्पित करें. तीन से चार मंगलवार तक ऐसा करने से आपकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं.