भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी युवा शक्ति है. आज भारत की लगभग 65% आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है, जो भारत को विश्व का सबसे युवा देश बनाती है. यह वह शक्ति है, जो देश की एकता, अखंडता और प्रगति की दिशा तय कर सकती है. राष्ट्रीय एकता का अर्थ केवल भौगोलिक एकता नहीं है, बल्कि यह विचारों, भावनाओं और संस्कृतियों का संगम है. सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक बार कहा था, ‘हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और यदि हम एकजुट हैं तो कोई भी शक्ति हमें पराजित नहीं कर सकती.’ आज जब दुनिया ग्लोबलाइजेशन और तकनीक से जुड़ी है, तब राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना और मजबूत करना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है. यहां युवा पीढ़ी की भूमिका सबसे अहम है.
शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से एकता
आज का युवा वर्ग शिक्षित और जागरूक है. वे सामाजिक मीडिया, शिक्षा संस्थानों और जनसंपर्क के माध्यम से समाज में एकता, समानता और भाईचारे के संदेश का भली-भांति प्रचार-प्रसार कर सकते हैं. उदाहरणार्थ ‘स्वच्छ भारत’ अभियान, ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसे कार्यक्रमों में युवाओं की सक्रिय भागीदारी ने समाज में सकारात्मक सोच का संचार किया है. भारत को एक सूत्र में बांधा है. यह भी पढ़ें : Gopashtami 2025: गोपाष्टमी पर क्या करना चाहिए? जानिए इसका महत्व
सामाजिक सौहार्द और विविधता
भारत की विविधता ही इस देश की मूल पहचान है. यहां के विभिन्न धर्म, भाषाएं, परंपराएं एवं संस्कृतियां. युवा पीढ़ी इन विविधताओं को स्वीकार कर “विविधता में एकता” के आदर्श को जी सकती है. जब युवा वर्ग जाति, धर्म और भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर समानता का भाव मन में संजोता है, तभी सच्ची राष्ट्रीय एकता सशक्त होती है.
डिजिटल युग में एकता का संदेश
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स आज के युवाओं की आवाज़ है. इन माध्यमों के जरिये वे राष्ट्रप्रेम, एकता और जिम्मेदारी का संदेश लाखों लोगों तक पहुंचा सकते हैं. जैसे ‘हर घर तिरंगा’ अभियान में सोशल मीडिया के जरिये देश के अधिकांश युवाओं ने देश भर में अभूतपूर्व एकता का संदेश पहुंचाया.
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की सक्रियता
राष्ट्रीय एकता केवल विचारों से नहीं, बल्कि निष्ठा एवं कर्मों से बनती है. जब युवा राजनीति, प्रशासन, सेना, खेल, विज्ञान या समाजसेवा के क्षेत्र में योगदान देते हैं, तब वे देश को जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं. आज के युवा एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र, और वॉलिंटियर प्रोग्राम के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में सीधा योगदान दे रहे हैं.
राष्ट्रीय एकता कोई एक दिन का आयोजन या मिशन नहीं, बल्कि निरंतर प्रयासों का परिणाम है. भारत के युवाओं में अखंड भारत के प्रति जोश, ऊर्जा और आदर्शवाद की भावना कूट-कूट कर भरी है. यह ऊर्जा लगातार पनपती रहे, तो भारत न केवल एकता का प्रतीक बनेगा, बल्कि दुनिया के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी साबित होगा. युवा केवल देश का भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान के निर्माता भी हैं.













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