एक अध्ययन से पता चला है कि पोर्न महिलाओं में शरीर से जुड़ी असुरक्षाओं को उकसाता है जो न केवल उन्हें उनके पार्टनर के साथ अंतरंग गतिविधियों में शामिल होने में उनके इन्ट्रेस्ट को कम कर सकता है, बल्कि उनकी कामुकता पर भी नेगेटिव इफेक्ट डालता है. रिसर्चर्स के अनुसार विषमलैंगिक महिलाओं के बीच पोर्नोग्राफी और अंतरंग साथी अनुभवों के बीच संबंध का पता लगाया गया जिससे पता चला कि दोनों के बीच एक जटिल संबंध थे. जर्नल ऑफ वुमेन हेल्थ (Journal of Women's Health) में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि महिलाओं को अपने पार्टनर के साथ अंतरंग अनुभवों के दौरान पोर्न फिल्म देखना असुरक्षा को जन्म दे सकता है और इस तरह सेक्स के आनंद को कम करता है. निष्कर्षों के लिए, रिसर्च टीम ने अमेरिका में 18-29 साल की उम्र के 706 विषमलैंगिक महिलाओं का सर्वेक्षण किया जिससे पता चला कि ये सेक्स के साथ चिंता को बढ़ाती हैं और सेक्स के एंजोयमेंट को कम करती हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन के नमूने में अधिकांश महिलाओं ने हस्तमैथुन के लिए पोर्नोग्राफी देखी थी, जिन महिलाओं ने हस्तमैथुन किया उन्होंने कामोत्तेजना को बनाए रखने के लिए पोर्न स्क्रिप्ट का सहारा लिया. वहीं कुछ महिलाओं ने अपने साथी के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए पोर्नफिल्मों का सहारा लिया.
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यूएस में वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी के सुज़ेन जी कॉर्नस्टीन ने पुरुषों की तुलना में महिलाओं के यौन अनुभवों में पोर्नोग्राफी की भूमिका के बीच साफ़ अंतर बताया है. जबकि युवा विषमलैंगिक पुरुषों पोर्नग्राफी देखकर डायरेक्ट अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाते हैं. पोर्नोग्राफी देखने से सेक्स में संतुष्टि कम होती है. जिसके बाद महिलाएं अपने व्यक्तिगत यौन अनुभव का हिस्सा बनती हैं और पोर्न स्क्रिप्ट को अपने साथी के साथ अंतरंग कृत्य के दौरान अपनाती है और वैसा ही बनने और करने की कोशिश करती हैं, जो अच्छी बात नहीं है.