Nobel Prize 2023: कब और क्यों शुरू हुआ नोबेल पुरस्कार? जानें उन 10 भारतीयों के नाम जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया!
Nobel Prize 2023

दुनिया के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुरस्कारों में एक है नोबेल पुरस्कार. नोबेल पुरस्कार की शुरुआत स्वीडन के वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की वसीयत के आधार पर दिया जाता है. प्रारंभ में नोबेल पुरस्कार केवल भौतिक, रसायन, मेडिसिन, साहित्य एवं शांति के क्षेत्र में ही दिया जाता था, लेकिन बाद में इसके दायरे को बढ़ाते हुए अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भी यह पुरस्कार देने का सिलसिला शुरू हुआ.

क्या है नोबेल पुरस्कार?

नोबेल पुरस्कार सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उन शख्सियतों को दिया जाता है, जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान मानव जाति को अधिकतम लाभ पहुंचाया है. यह पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्र में प्रदान किया जाता था. इसमें शांति पुरस्कार का सर्वाधिक एवं विशेष महत्व होता है. इसकी खास बात यह है कि व्यक्ति विशेष को जिसने राष्ट्रों के बीच फैलोशिप को बढ़ाने, स्थायी सेनाओं को समाप्त करने या कम करने एवं शांति की स्थापना और इसके प्रचार के लिए बेहतर काम किया है. यह भी पढ़ें : Constitution Day 2023 Messages: हैप्पी संविधान दिवस! इन हिंदी WhatsApp Wishes, Quotes, SMS, Greetings को भेजकर दें बधाई

कब और कैसे शुरू हुआ नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार के इतिहास के पीछे एक रोचक घटना क्रम है. अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्टॉकहोम स्वीडन में हुआ था. पिता इमानुएल नोबेल के दिवालिया होने के बाद 1842 में अल्फ्रेड नोबेल माँ आन्द्रिता एक्सेल संग सेंट पीटर्सबर्ग चले गए. नोबेल के नाम कुल 355 पेटेंट हैं, लेकिन उनके द्वारा आविष्कार किया गया डाइनामाइट ज्यादा पॉपुलर हुआ. शुरुआत में इसका इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में खूब इस्तेमाल हुआ, इसे देखते हुए नोबल ने 90 स्थानों पर डाइनामाइट की फैक्ट्री शुरू की. लेकिन इसके गलत इस्तेमाल से उन्हें बहुत दुख हुआ. मृत्यु से पूर्व 27 नवंबर 1895 को उन्होंने मानवता को लाभ पहुंचाने वालों को अपनी संपत्ति से पुरस्कार देने की वसीयत बनवाई. 1896 में उनकी मृत्यु हो गई. साल 1901 में पहला नोबल पुरस्कार विल्हेम रॉन्टगन को एक्स-रे की खोज के लिए मिला. 1901 से 1923 तक कुल 965 शख्सियतों और 27 संगठनों को पुरस्कार दिये जा चुके हैं.

नोबेल पुरस्कार के लिए निर्धारित धनराशि

साल 1901 में पहली बार जब नोबेल पुरस्कार दिया गया था, तब प्रति श्रेणी पुरस्कार की कुल धनराशि 1,50,782 स्वीडिश क्रोनर थी. भारतीय रुपयों के हिसाब से यह कुल राशि 11 लाख रुपये से ज्यादा थी. आज यह धनराशि बढ़कर र 8 करोड़ रुपयों से ज्यादा हो गया है.

ऐसे होता है विजेताओं का चयन?

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कोई भी वह व्यक्ति नामांकन कर सकता है, जो इसके मानदंडों पर खरा उतरता है. नामांकन के लिए निमंत्रण-पत्र की जरूरत नहीं होती. नामांकन करने वाले व्यक्ति की जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है. नोबेल शांति पुरस्कार का चयन नॉर्वेजियन नोबेल समिति करती है. प्रत्येक वर्ष 1 सितंबर से 01 फरवरी तक नामांकन प्रक्रिया चलती है. इसके बाद समिति नामों पर चर्चा करती है और फरवरी से मार्च के बीच एक लिस्ट तैयार होती है. मार्च से अगस्त तक सूची एडवाइजरी रिव्यू के लिए भेजा जाता है. अक्टूबर में समिति नाम का चयन करती है. चयन, समिति के सभी सदस्यों के वोटिंग के आधार पर होती है. इसके बाद विजेताओं की घोषणा के साथ उन्हें पुरस्कार दिया जाता है.

इन भारतीयों ने भी जीता है नोबेल पुरस्कार

भारत की तरफ से अब तक 10 शख्सियतों को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हो चुका है, जो निम्नलिखित है.

रविंद्र नाथ टैगोर (साहित्य के लिए)

सर चंद्रशेखर वेंकटरमन (विज्ञान के लिए)

गोविंद खुराना (इलेक्ट्रॉनिक के लिए)

मदर टेरेसा (मानव सेवा के लिए),

सुब्रमण्यम चंद्रशेखर (भौतिकी के लिए)

अमर्त्य सेन एवं सर विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल (अर्थशास्त्र के लिए)

वेंकटरामन रामकृष्णन (रसायन के लिए),

कैलाश सत्यार्थी को (मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए)

अभिजीत विनायक बनर्जी (गरीबी मिटाने के प्रयास के लिए)