Navratri 2022 Do's And Don'ts: नवरात्रि व्रत एवं पूजा करने वालों के लिए जानें 10 महत्वपूर्ण नियम!
नवरात्रि (Photo: Wikimedia Commons)

नवरात्रि का महापर्व मनाने से पूर्व यह जान लें कि इन नौ दिनों तक माँ भगवती के भक्तों को क्या कार्य करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए.

नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. नौ रातों के इस प्रतीकात्मक पर्व को संपूर्ण भारत में आस्था एवं उत्साह से मनाया जाता है. यह नृत्य, संगीत, भक्ति और मस्ती का पर्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल में चार नवरात्रियां चैत्र नवरात्रि, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, शरद नवरात्रि एवं माघ गुप्त नवरात्रि पड़ती हैं. बात करेंगे शरद नवरात्रि की, जो आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाएगी. इस वर्ष 26 सितंबर 2022 से 4 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. 5 सितंबर को विजयादशमी और माँ दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के साथ समाप्त हो जायेगा. ज्योतिषाचार्य पंडित सुनील दवे के अनुसार यह आदि शक्ति माँ दुर्गा की पूजा-अनुष्ठान का पर्व है, इसलिए इसके प्रत्येक विधाओं का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है. इन विधानों में कुछ कार्य वर्जित हैं और कुछ जरूरी. ऐसे में जान लें कि हम क्या कार्य करें और किन बातों से परहेज रखें.

महाशक्ति के महापर्व पर इन नियमों का करें सख्ती से पालन.

अगर आपने नवरात्रि व्रत-अनुष्ठान हेतु घर में कलश और अखंड ज्योति स्थापित किया है, तो हर नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी है. वरना पुण्य के बजाय अनिष्ठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.

* महिलाओं का अनादर ना करेः चूंकि यह नौ शक्तियों का आध्यात्मिक महापर्व है, इसलिए इन नौ दिनों तक किसी भी महिला का अनादर, तिरस्कार, आलोचना आदि न करें और ना ही किसी को करने दें, क्योंकि शास्त्रों में उल्लेखित है कि ‘ना जाने किस वेष में बाबा मिल जाये भगवान’. कहते हैं कि जो व्यक्ति महिलाओं का आदर करता है, उस पर माँ दुर्गा की विशेष कृपा होती है.

* मांसाहार ना करेः नवरात्रि के नौ दिनों तक आप व्रत रहें या ना रहें, मांसाहारी खानपान, धूम्रपान या मद्यपान से परहेज रखना चाहिए.

* अखंड दीप अनवरत जलना चाहिएः अगर नवरात्रि में आप अखंड दीप प्रज्वलित करते हैं, तो ध्यान रहे कि दीप पूरे नौ दिनों तक अनवरत जलते रहना चाहिए. इसे बुझने से बचाने के सारे कार्य करने चाहिए.

* घर में शांति और चैन का माहौल रखेः हिंदू धर्म में मान्यता है कि माँ दुर्गा वहीं निवास करती हैं, जहां शांति एवं चैन होता है. घर में कलश स्थापना से लेकर दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन तक घर में कलह, विवाद, झगड़े आदि को प्रश्रय नहीं दें.

* कन्याओं को भोजन के नियमः इस महापर्व की अष्टमी एवं नवमी के दिन छोटी कन्याओं को भोजन कराने से पूर्व माँ दुर्गा को प्रसाद चढ़ाएं और सर्वप्रथम कन्याओं को प्रसाद खिलाएं.

* सहवास वर्जितः नौ दिनों तक पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से परहेज रखना चाहिए.

* भूमि पर सोनाः अखंड दीप जलाने तक उपवासी व्यक्ति को जमीन पर सोना चाहिए.

* लहसुन प्याज वर्जितः नवरात्रि के नौ दिनों तक सुनिश्चित करें कि घर में बनने वाले भोजन में लहसुन और प्याज आदि का इस्तेमाल नहीं करना होगा.

* सेविंग बाल काटने से बचेंः नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान बाल कटवाने एवं शेविंग करने इत्यादि से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए.

* संस्कृत श्लोकों का शुद्ध उच्चारणः नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती के श्लोकों का पाठ करना शुभ माना जाता है. लेकिन संस्कृत के श्लोकों   का शुद्ध उच्चारण कर सकें, तभी श्लोकों को पढ़ें, अन्यथा किसी योग्य पुरोहित से करवाना चाहिए.