पूर्वोत्तर भारत के विख्यात ‘सेवन सिस्टर्स’ में एक मिजोरम राज्य अपनी सभ्यता, संस्कृति, कला और प्राकृतिक संपदाओं के लिए दुनिया भर में मशहूर है. जहां तक मिजोरम का शाब्दिक अर्थ है, उसके अनुसार मिजो मूल निवासियों का उपनाम है, और मिजो भाषा में 'राम' का अर्थ है भूमि, अर्थात मूल मिजो निवासियों की भूमि. मिजोरम के बारे में बताने से पहले यह जान लें कि मिजोरम भारत के सात पूर्वी राज्यों जिसे ‘सेवन सिस्टर्स’ के नाम से भी जाना जाता है, का अहम हिस्सा है. गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को मिजोरम स्थापना दिवस मनाया जाता है. मिजोरम की 38वें स्थापना दिवस के अवसर पर आइये बात करते हैं, इसके महत्व, इतिहास एवं मिजोरम के बारे में कुछ रोचक रोचक तथ्यों पर.
मिजोरम स्थापना दिवस का महत्व
मिजोरम स्थापना दिवस मूल मिजो निवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. यह दिवस मिजोरम के मूल निवासियों के संघर्ष और बलिदान की स्मृतियों को ताजा करता है. यह मिजोरम राज्य की स्थापना के बाद से मिजोरम की तमाम उपलब्धियों को सम्मान देने एवं गौरवान्वित करने का दिन है. मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद उसके बुनियादी ढांचे, कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य की देखभाल एवं शिक्षा समेत अन्य तमाम क्षेत्रों में चतुर्मुखी विकास हुआ है. यही नहीं मिजोरम ने महिलाओं को सशक्त बनाने और लैंगिक समानता को महत्व देने की दिशा में भी खासी प्रगति की है. यह भी पढ़ें : Shivaji Maharaj Jayanti 2024: शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा! जानें कैसे शिवाजी ने मुट्ठी भर सैनिकों के साथ मुगल सेना को बार-बार नेस्तनाबूद किया!
मिजोरम स्थापना दिवस का इतिहास
स्वतंत्र राज्य का दर्जा हासिल करने से पूर्व, मिजोरम राज्य लुशाई हिल्स के नाम से जाना जाता था, और उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में प्रशासित किया जाता था. साल 1986 में, भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट (MNF) के बीच एक शांति समझौते के बाद राज्य के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ. इस समझौते के पश्चात केंद्रीय सहयोग से क्षेत्र में सालों से जारी उग्रवाद और हिंसा समाप्त हुआ. मिजोरम में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की स्थापना हुई. भारत के कई अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तरह, मिजोरम पहले 1972 तक असम का हिस्सा था, इसके पश्चात केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दर्जा मिला. साल 1986 में, भारतीय संसद ने भारतीय संविधान के 53 वें संशोधन के अंतर्गत 20 फरवरी 1987 को भारत के 23वें राज्य के रूप में मिजोरम एक पूर्ण एवं स्वतंत्र राज्य बना.
क्यों मानते हैं मिजोरम को देश का सबसे खुशहाल प्रदेश
गुरुग्राम के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा मिजोरम पर किये शोध के अनुसार मिजोरम के मानकों के आधार पर इसे देश का सबसे खुशहाल प्रदेश बताया गया है. यहां लड़के और लड़कियों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता. यहां का सोशल स्ट्रक्चर युवा वर्ग को संतुष्टि प्रदान करता है. मिजोरम भारत का दूसरा ऐसा राज्य है, जहां सौ प्रतिशत साक्षरता है, यह दूसरा सबसे कम आबादी वाला प्रदेश है. एक शोध की रिपोर्ट मानें तो मिजोरम में पारिवारिक रिश्ते, समाज, धर्म, शारीरिक एवं मानसिक सेहत आदि के नजरिये से खुशहाली के पैरामीटर पर सर्वोच्च स्थान दिया गया है.