डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें हम भारत के नागरिक बाबासाहेब या भारतीय संविधान के पिता के रूप में अधिक जानते हैं, ने 6 दिसंबर 1956 को अपनी नींद में अंतिम सांस ली. समाज के लिए डॉ. अंबेडकर के बहुमूल्य योगदान की स्मृति में पूरे भारत में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में यह दिन मनाया जाता है. परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्राथमिक सिद्धांतों में से एक है. इसका अर्थ है 'कोई व्यक्ति जिसने अपने जीवनकाल में और मृत्यु के बाद निर्वाण या स्वतंत्रता प्राप्त की हो.' संस्कृत में, 'परिनिर्वाण' का अर्थ है 'मृत्यु के बाद निर्वाण' प्राप्त करना, अर्थात मृत्यु के बाद शरीर से आत्मा की मुक्त.। पाली में इसे 'परिनिब्बन' लिखा गया है, जिसका अर्थ है निर्वाण की प्राप्ति. यह भी पढ़ें: Mahaparinirvan Diwas 2022 Quotes: महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को करें याद, उनके अनमोल विचारों को करें प्रियजनों के साथ शेयर
बौद्ध साहित्य महापरिनिर्वाण सुत्त के अनुसार, भगवान बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की आयु में हुई थी; और यह दिन- बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिन, मूल महापरिनिर्वाण दिवस माना जाता है. डॉ. बी.आर. अम्बेडकर 'द बुद्ध एंड हिज़ धम्म' नामक पुस्तक पर काम कर रहे थे. पुस्तक को पूरा करने के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने अंतिम सांस ली. 14 अक्टूबर 1956 को, बाबासाहेब ने नागपुर में वर्षों तक धर्म का अध्ययन करने के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया. उन्होंने बाद में अपने जीवन में बौद्ध धर्म का प्रचार भी किया, और उनके 5,00,000 मजबूत अनुयायियों द्वारा उन्हें बौद्ध नेता माना गया. महापरिनिर्वाण दिवस पर हम आपके लिए ले आए हैं HD Images और WhatsApp Stickers जिन्हें आप अपने प्रियजनों को भेजकर उन्हें याद कर सकते हैं.
1. महापरिनिर्वाण दिवस
2. महापरिनिर्वाण दिवस
3. महापरिनिर्वाण दिवस
4. महापरिनिर्वाण दिवस
5. महापरिनिर्वाण दिवस
1954 में जून से अक्टूबर तक, बाबासाहेब अम्बेडकर दवा के दुष्प्रभाव और खराब दृष्टि के कारण बिस्तर पर पड़े थे. 1955 में उनका स्वास्थ्य खराब हो गया. अपनी अंतिम पांडुलिपि 'द बुद्ध एंड हिज धम्म' को पूरा करने के तीन दिन बाद, 6 दिसंबर, 1956 को, दिल्ली में अपने घर पर उनकी नींद में ही मृत्यु हो गई.