Mahaparinirvan Diwas 2022 Quotes: डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) महापरिनिर्वाण दिवस 6 दिसंबर को लोगों द्वारा महापरिनिर्वाण दिवस के बारे में समझने और लोगों की भलाई के लिए इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. यह लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डॉ. आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस (Mahaparinirvan Diwas 2022) के बारे में ज्ञान प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है. यह लोगों को भारत देश के लिए उनके बेहतर कार्य के लिए डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान के बारे में जागरूक करता है. परिनिर्वाण, जिसे बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक माना जाता है, एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ मृत्यु के बाद मुक्ति या स्वतंत्रता है. बौद्ध ग्रंथ महापरिनिर्वाण सुत्त के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल महापरिनिर्वाण माना जाता है. यह भी पढ़ें: Mahaparinirvan Diwas 2022 Hindi Messages: महापरिनिर्वाण दिवस पर इन WhatsApp Stickers, Shayari, GIF Images, Wallpapers के जरिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को दें श्रद्धांजलि
डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर एक महान भारतीय राष्ट्रीय नेता थे और उन्होंने अंग्रेजों के क्रूर शासन से भारत देश को आजादी दिलाने के लिए कई नियम और कानून बनाए. प्रत्येक व्यक्ति को महापरिनिर्वाण दिवस के प्रति एक बेहतर दृष्टिकोण बनाने की आवश्यकता है. भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जितने महान राजनेता थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. उनके महान विचारों में जीवन जीने की कला छुपी हुई है, जिससे हम सभी प्रेरणा ले सकते हैं. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के इस अवसर पर आप उनके इन महान विचारों को अपनों के साथ शेयर करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
1. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए- बाबा साहेब आंबेडकर
2. मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सिखाए- बाबा साहेब आंबेडकर
3. मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं कर प्रगति के आधार पर मापता हूं- बाबा साहेब आंबेडकर
4. जीवन लम्बा होने की बजाए महान होना चाहिए- बाबा साहेब आंबेडकर
5. मनुष्य नश्वर है. उसी तरह विचार भी नश्वर हैं. एक विचार को प्रचार-प्रसार की ज़रुरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की. नहीं तो दोनों मुरझा कर मर जाते हैं- बाबा साहेब आंबेडकर
भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की यह दूरदर्शिता ही थी कि उन्होंने देश के लिए एक ऐसा संविधान तैयार किया जो देश में रहने वाले सभी जाति और धर्म के लोगों की रक्षा करे और उन्हें समानता का अधिकार मिल सके. यह उनकी दूरदर्शिता ही थी कि वो अपने द्वारा लिए गए फैसले और उससे होने वाले परिणामों के बारे में पहले से ही जानते थे.