Laxmi Pooja 2021: मां लक्ष्मी की पूजा करते समय रखें इन बातों का ध्यान! तभी लक्ष्मी करेंगी कल्याण!
लक्ष्मी पूजन 2021 (Photo Credits: File Image)

दीपावली महोत्सव कार्तिक के हिंदू लूनी-सौर महीने में पूरी श्रद्धा एवं निष्ठा के साथ मनाया जाने वाला पर्व है. पांच दिवसीय दीपावली का उल्लेख प्रारंभिक संस्कृत ग्रंथों में भी मिलता है, इसी से इस पर्व की प्राचीनता और महत्ता का पता चलता है. इस महोत्सव के तीसरे दिन यानी अमावस्या की रात माँ लक्ष्मी एवं गणेशजी की पूजा का विधान है.

सनातन धर्म के अनुसार कार्तिक मास की इस अमावस्या की रात धन एवं सुख-समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं, और अपने भक्तों का भाग्योदय करती हैं. मान्यता है कि इस रात माँ जिस पर प्रसन्न होती हैं, उनके जीवन को तमाम खुशियों से भर देती हैं, उन्हें रोग-शोक से मुक्त कर देती हैं. लेकिन चूंकि अमावस्या की इस रात्रि देवी लक्ष्मी का अनुष्ठान बड़े विधि-विधान से किया जाता है, इसलिए थोड़ी-सी चूक से व्यक्ति राजा से रंक भी बन सकता है, इसलिए माँ लक्ष्मी का अनुष्ठान करते समय हर बात का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है. यहाँ हम ऐसी ही कुछ बातों पर चर्चा करेंगे कि मां लक्ष्मी का अनुष्ठान करते समय हमें क्या कार्य करना जरूरी है और किन कार्यों से बचना चाहिए.

दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी के अनुष्ठान इन बातों का ध्यान अवश्य रखें

* जग विदित है की देवी लक्ष्मी स्वच्छ एवं पवित्र जगह ही वास करती हैं, इसलिए दीवाली के दिन सुबह पूरे घर की अच्छे से सफाई अवश्य करें.

* हिंदू धर्म में देवी अनुष्ठान की प्रक्रिया बहुत आसान नहीं है, इसलिए लक्ष्मी पूजा करने से पूर्व इन विधानों को जानने के बाद ही पूजा प्रारंभ करें.

* देवी देवताओं की पूजा शुरु करने के क्रम में सर्वप्रथम संस्कृत के मंत्रों के साथ उनका आह्वान करने की परंपरा है. अगर मंत्रों का सही उच्चारण कर सकते हैं, तो ही उनका आह्वान करें. गलत तरीके से उच्चारित मंत्र अनिष्ठ कर सकते हैं.

* पूजा से पूर्व जिस चौकी पर पूजा करनेवाले हैं, उसे अच्छी तरह साफ पानी से धोकर उस पर नया लाल वस्त्र बिछाएं और पहले लक्ष्मी जी का और उनकी बगल में श्रीगणेश जी की प्रतिमा रखनी चाहिए.

* जिस स्थान (घर अथवा कार्यालय) पर लक्ष्मी जी का अनुष्ठान करने जा रहे हैं, वहां मुख्य द्वार पर सुबह स्नान के पश्चात पुष्पों एवं आम्र पल्लव से बना तोरण पहले लगायें.

* अगर घर के मुख्यद्वार पर जल से भरा मांगलिक कलश रख रहे हैं तो ध्यान पूर्वक द्वार के दोनों छोर पर कलश रखें और उस पर नारियल अवश्य रखें. कलश के साथ एक दीप निरंतर जलते रहना चाहिए.

* माँ लक्ष्मी का पूजा-अनुष्ठान मुहूर्त के अनुरूप ही करना फलदायी होता है. मुहूर्तकाल का अवश्य ध्यान रखें.

* कितना भी जतन करें मगर कुछ ना कुछ चूक इंसान से पूजा करते समय हो जाती है. यह मानते हुए पूजा के अंत में देवी के सामने छमा-याचना अवश्य करें.

इन कार्यों से बचें

* कोशिश करें कि पूजा के लिए तस्वीर के बजाय प्रतिमा स्थापित करें,

* मान्यता है कि मिट्टी एक समय तक शुद्ध मानी जाती है, इसलिए प्रत्येक वर्ष दीपावली पर नई मूर्तियों की ही पूजा करें. गत वर्ष की प्रतिमा को किसी पीपल के पेड़ के नीचे पूरे सम्मान के साथ स्वयं रखकर आयें.

* लक्ष्मी पूजा में चांदी की प्रतिमा ही सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है, लेकिन सामर्थ्य नहीं हो तो मिट्टी की प्रतिमा लाएं, प्लास्टर ऑफ पेरिस अथवा पत्थर की प्रतिमा की पूजा करने से बचें. यह भी पढ़ें : Diwali 2021: बंदी छोड़ दिवस और दिवाली पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने पहुंचे लोग, देखें वीडियो

* लक्ष्मी के आह्वान से पूर्व घर के मुख्यद्वार से जूते-चप्पल अथवा अन्य व्यर्थ वस्तुओं को अवश्य हटा दें.

* ध्यान रखें कि लक्ष्मी उसी घर में प्रवेश करती हैं, जहां स्वच्छता के साथ-साथ शांत एवं प्रफुल्लित वातावरण होता है. इसलिए दीपावली के दिन किसी पर क्रोध, किसी का अपमान अथवा ईर्ष्या आदि से बचें,

* पूजा के लिए पीतल अथवा तांबे के बर्तन का ही प्रयोग करें, लोहे के बर्तन में लक्ष्मी जी की पूजा नहीं करनी चाहिए.

* पूजा के समय गणेश जी को दूर्वा जरूर चढ़ायें मगर लक्ष्मी जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाएं.

* पूजा वाले घर में किसी भी तरह की नकारात्मक बातों अथवा बहस से बचें,

* इस दिन किसी भी गरीब, ब्राह्मण अथवा वृद्ध का अपमान ना करें ना होने दें.

लक्ष्मी पूजा 04 नवंबर (गुरुवार) 2021 का शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त नवंबर, सायंकाल 06.14 बजे से 08.09 बजे तक

प्रदोष कालः सायंकाल 05.36 से 08.09 बजे तक