Kukur Tihar 2021: नेपाल में मनाया जाता है कुकुर तिहार त्योहार, जानें इस दिन क्यों की जाती कुत्तों की पूजा
कुकुर तिहार (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Kukur Tihar 2021: कुकुर तिहार (Kukur Tihar) या कुकुर पूजा का शाब्दिक अर्थ है, कुत्तों की पूजा. यह रोशनी के त्योहार दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है. नेपाली परंपरा के अनुसार, यह उत्सव में पूरी तरह से मानव के सबसे समर्पित दोस्त और अभिभावक कुत्तों को समर्पित है. हिंदू धर्म में, एक कुत्ता एक पवित्र जानवर है, जो इंसानों के साथ एक विशेष बंधन रखता है. कुकुर तिहार के दौरान, कुत्तों के साथ विशेष प्रेम के साथ व्यवहार किया जाता है. सभी कुत्तों की पूजा की जाती है और उनके गले में फूल की माला पहनाई जाती है. उनके माथे पर लाल रंग की रोली, चावल और दही का तिलक किया जाता है. यह चिन्ह उनकी पवित्रता का प्रतीक है. इस दिन कुत्तो को विशेज प्रकार के भोजन परोसे जाते हैं. कुकुर तिहार पर कुत्तों का पसंदीदा हिस्सा फल और कुकीज़ से लेकर अंडे, दूध, पनीर, मांस और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन उन्हें खिलाए जाते हैं. यह भी पढ़ें: Diwali 2018: इस देश में कुत्तों की पूजा कर मनाया जाता है दीपों का त्योहार दिवाली

नेपाल में कुत्तों को मृत्यु के देवता यमराज का दूत माना जाता है. कुत्ते मौत के द्वारपाल होने में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि कुत्ते अंडरवर्ल्ड में मृत लोगों की आत्माओं को मौत की नदी के पार ले जाते हैं. इस त्योहार पर कोई अपवाद नहीं है, प्रत्येक कुत्ता, चाहे वह घर का हो या आवारा कुकुर तिहार पर स्पेशल ट्रीटमेंट प्राप्त करता है. यहां तक कि नेपाली पुलिस के कुत्ते भी छुट्टी करते हैं. एक दिन की छुट्टी और सामान्य उत्सव के अलावा, वे इस अवसर पर डिज़ाइन किए गए एक विशेष मार्च में भी भाग लेते हैं.

यदि आप समय पर काठमांडू आते हैं तो आप इन दिल को छू लेने वाले उत्सवों को देख सकते हैं. दिवाली सालाना अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में आती है. दिवाली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है और कुकुर तिहार हमेशा दूसरे दिन होता है.