World Hepatitis Day 2020: जानें कितने प्रकार के होते हैं हेपेटाइटिस वायरस और क्या होते हैं लक्षण
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे 2020 (Photo Credits: Pixabay and File Image)

हेपेटाइटिस बीमारी के बारे में जागरूकता लाने के लिए हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (WHD) मनाया जाता है। एक शोध के मुताबिक दुनिया में 29 करोड़ लोग हेपेटाइटिस से पीड़ित हैं, लेकिन तमाम लोग इससे अनजान हैं. इस तरह इसके बारे में जाने बिना और इलाज कराए बिना कितने लोग अपना जीवन खो देते हैं. हेपेटाइटिस से हर साल करीब 14 लाख लोगों की मृत्यु होती है.

हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज करने वाले प्रोफेसर बारूक ब्लमबर्ग का 28 जुलाई को जन्म हुआ था. इस खोज के लिए उन्हें 1976 में चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 2010 विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को सार्वजिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल किया और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 28 जुलाई को दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया.

पांच प्रकार के होते हैं हेपेटाइटिस वायरस

हेपेटाइटिस में अक्सर लीवर में सूजन होती है. हेपेटाइटिस का इलाज इस पर निर्भर करता है कि संक्रमण कितना पुराना और फैलाव कितना है। इसे एक्यूट और क्रोनिक हेपेटाइटिस कहते हैं। हेपेटाइटिस के वायरस पांच प्रकार के होते हैं- ए, बी, सी, डी और ई. इनमें हेपेटाइटिस बी और सी लाखों लोगों में पुरानी बीमारी की वजह से होते हैं. जो लीवर में जलन और संक्रमण के अलावा कई बार इस वायरस से लीवर फाइब्रोसिस या लीवर कैंसर तक होने की संभावना रहती है. हेपेटाइटिस ए और ई आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के सेवन से होती है. कई बार हेपेटाइटिस वायरस का संक्रमण संक्रमित रक्त की शरीर में चढ़ने या संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में जाने से, जन्म के समय बच्चे को मां से भी होता है.

हेपेटाइटिस ए, बी वायरस को को रोकने के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध हैं. जबकि हेपेटाइटिस सी वायरस को रोकने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है. हेपेटाइटिस बी के वैक्सीन डी को भी सुरक्षा प्रदान करते हैं. हेपेटाइटिस ई संक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन विकसित किए गए हैं, लेकिन व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं हैं। हांलाकि इनमें कई वैक्सीन ऐसी हैं जिन्हें एडवांस में ही लगवाया जाता है. तो हेपेटाइटिस होने पर समय पर इलाज मिलने से भी व्यक्ति को बचाया जा सकता है।

हेपेटाइटिस के सामान्य लक्षण

हेपेटाइटिस अक्सर बारिश के मौसम में फैलता है. इसलिए इस मौसम में लोगों को ज्यादा तली हुई चीजें, मसालेदार, नॉनवेज, एल्कोहल आदि के सेवन से बचना चाहिए. सामान्य और सादा खाना खाना चाहिए. हेपेटाइटिस के मुख्य लक्षण में व्‍यक्ति की आंखें और शरीर का रंग पीला पड़ने लगता है. इस संक्रमण की मुख्य पहचान पीलिया, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, यूरिन का रंग गहरा होना, अत्यधिक थकान, उल्टी, पेट दर्द, सूजन, भूख कम लगना, वजन घटना प्रमुख लक्षण हैं. कई बार इससे हर वक्त बीमार महसूस होना, सिरदर्द होना, चिड़चिड़ापन बढ़ना, अचानक शरीर नीला पड़ना आदि भी शामिल है.

वायरल हेपेटाइटिस को दुनिया भर में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में माना गया . डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार, वायरल हेपेटाइटिस ने 2015 में वैश्विक स्तर पर 1.34 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई. भारत में, यह अनुमान लगाया गया है कि हेपेटाइटिस बी से पीड़ित 4 करोड़ लोग और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित 0.6-1.2 करोड़ लोग हैं.

भारत से हेपेटाइटिस के उन्मूलन के कार्यक्रम

वायरल हेपेटाइटिस के उन्मूलन के लिए भारत सरकार ने 2019 में, "नेशनल एक्शन प्लान वायरल हेपेटाइटिस" योजना लॉन्च की. इसके अलावा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 28 जुलाई, 2018 'विश्व हेपेटाइटिस दिवस' के अवसर पर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. यह सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3.3 प्राप्त करने के लिए भारत में वायरल हेपेटाइटिस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए पहल है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करना है. यह एक विस्तृत योजना है, जिसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई शामिल है तथा इसमें रोकथाम, निदान और उपचार की पूरी श्रृंखला को शामिल किया गया है.

हेपेटाइटिस के उन्मूलन के प्रयास में भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जिसने हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के प्रबंधन को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण में शामिल किया है और अपने लाभार्थियों को आजीवन नि:शुल्क इलाज और दवाएं मुहैया कराता है. विश्‍व स्वास्थ्‍य संगठन भी 2030 तक इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत है.