World Hepatitis Day 2019: लिवर (Liver) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो रक्त से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, लेकिन इसकी सेहत को लेकर जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है. गलत खानपान और खराब जीवनशैली के चलते अधिकांश लोग लिवर की समस्या से परेशान नजर आते हैं. लिवर की समस्याओं (Liver Related Problems) में से एक है हेपेटाइटिस (Hepatitis). इस बीमारी के कारण लिवर में जलन होती है और धीरे-धीरे लिवर डैमेज होने लगता है. लोग लिवर की बीमारी हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक हो सकें और इससे अपना बचाव कर सकें, इसलिए हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day 2019) मनाया जाता है.
दअसल, हर साल दुनिया भर में लाखों लोग हेपेटाइटिस के शिकार हो रहे हैं. इस बीमारी के वायरस तरल पदार्थ के जरिए एक इंसान से दूसरे इंसान में पहुंचते हैं. अगर समय रहते यह बीमारी पकड़ में आ जाए तो इसका इलाज कराया जा सकता है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना या इलाज में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. चलिए जानते हैं हेपेटाइटिस कितने प्रकार का होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं.
कितने प्रकार का होता है हेपेटाइटिस?
आमतौर पर हेपेटाइटिस के पांच प्रकार बताए गए हैं. वायरस के आधार पर इस बीमारी के A,B,C,D और E जैसे पांच प्रकार हैं. इनमें हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी को सबसे खतरनाक माना जाता है. वहीं हेपेटाइटिस ए और ई खतरनाक नहीं होता है, जबकि हेपेटाइटिस डी के बारे में कहा जाता है कि यह कभी अकेले नहीं आता. अगर किसी मरीज को हेपेटाइटिस बी या सी है तो उसके साथ हेपेटाइटिस डी जरूर होगा. यह भी पढ़ें: सेहतमंद रहने के लिए लिवर का हेल्दी होना है बेहद जरूरी, इसलिए डायट में शामिल करें ये सुपरफूड्स
कैसे फैलते हैं इस बीमारी के वायरस?
हेपेटाइटिस रोग के वायरस खून, असुरक्षित सेक्स, दूसरों की इस्तेमाल की गई सीरींज और मां से उसके नवजात बच्चे में आसानी से फैल सकते हैं. इसके अलावा बारिश के मौसम में दूषित पानी पीने और अस्वस्थ भोजन खाने से भी इस बीमारी के वायरस शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
क्या हैं हेपेटाइटिस के सामान्य लक्षण?
हेपेटाइटिस के पांचों प्रकार में दिखाई देने वाले लक्षण लगभग एक समान होते हैं, लेकिन इन लक्षणों के नजर आने के समय में अंतर होता है. हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
- आंखों का रंग पीला पड़ जाना.
- अत्यधिक थकान महसूस होना.
- जोड़ों में दर्द की शिकायत.
- 100 डिग्री से ज्यादा बुखार.
- भूख की कमी या खाने की इच्छा न होना.
- पेट में दर्द की शिकायत.
- पेशाब में पीलापन और गाढ़ापन. यह भी पढ़ें: World Liver Day 2019: शराब ही नहीं आपकी ये आदतें भी कर सकती हैं लिवर को खराब, इन्हें छोड़ने में ही है आपकी भलाई
कैसे करें अपना बचाव?
जिन तरीकों से हेपेटाइटिस फैल सकता है, उनसे सावधानी बरतनी चाहिए. इसके बैक्टीरिया हर जैविक चीज से फैल सकते हैं, इसलिए शुद्ध पानी पीएं. भोजन, फल, सब्जियों को अच्छे से धोकर और पकाकर खाएं, बारिश के मौसम में कच्चे मांस और मछली इत्यादि चीजों से परहेज करें.
गौरतलब है कि भारत में दूषित पानी, दूषित भोजन और संक्रमित रक्त के द्वारा फैलने वाली यह बीमारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. देश में करीब 3-5 फीसदी लोग हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से पीड़ित हैं, जिससे लिवर को ज्यादा क्षति पहुंचती है. हालांकि इन बातों को ध्यान में रखकर और इस बीमारी के प्रति जागरूक होकर आप इससे खुद का बचाव कर सकते हैं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.